अभी तक नहीं हुई किताब की छपाई कैसे होगी पढ़ाई

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परवेज़ अख्तर/सीवान:- जिले के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में पिछले छह अप्रैल से नए सत्र की शुरूआत हो चुकी हैं। लेकिन विभाग में नए सत्र में प्रवेश करने वाले छात्रों के लिए नई किताब की कोई व्यवस्था अभीतक नहीं हो पाई हैं। सूत्रों मिली जानकारी के अनुसार कौन प्रेस किताब की छपाई करेगा, कब से किताब की छपाई होगी, कब तक बाजार में किताब उपलब्ध हो पाएगा। इसकी कोई अभीतक पुख्ता जानकारी नहीं है। ऐसे में पिछले साल की तरह इस साल भी पुरानी किताब के भरोसे छात्रों की पढ़ाई नए सत्र में कराई जा रही हैं। विभाग ने किताब की कमी से निपटने के लिए पिछले दिनों वर्ग एक से लेकर आठ तक के छात्रों के वार्षिक मूल्यांकन में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विषयवार किताब जमा कराने का निर्देश दिया था। इस दौरान संबंधित विषय का मूल्यांकन समाप्त होते ही छात्रों से किताबें जमा करा ली गई। गौरतलब है कि पिछले साल जमा कराई गई पुरानी किताब से 40 फीसदी छात्रों का ही काम चल सका था। बाकि 60 फीसदी छात्रों को अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन समाप्त होने तक किताब नसीब नहीं हो पाई थी। यहां तक की किताब को उपलब्ध कराने में तत्काल विभाग अक्षम में इसका पत्र निदेशक ने जारी कर दिया था। अंतत: अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन के बाद नई किताब का वितरण हुआ। ऐसा ही हाल इस साल होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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बाजार में नहीं उपलब्ध हो पाई किताबें

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों व उनके अभिभावकों को चिंता इसको लेकर सबसे ज्यादा बढ़ गई है कि सत्र चालू हो गया और किताब बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में बिना किताब छात्रों का पाठ्यक्रम कैसे पूरा होगा। किताब नहीं मिलने के चलते कई ऐसे छात्र है, जो ट्यूशन एवं कोचिंग का सहारा लेते है। अभिभावक सुरेश प्रसाद, रंभा देवी, सुनीता देवी, महावीर साह ने बताया कि सरकार को नया सत्र शुरू होने के पहले ही किताब कि व्यवस्था कर लेनी चाहिए। अनुदान देकर ही विभाग क्या करेगा जब बाजार में किताब उपलब्ध नहीं है। इससे छात्रों की पढ़ाई के बीच में किताब अड़चन बन रही हैं।

ये है किताब के लिए अनुदान देना का मापदंड

इस बार छात्रों के बीच किताब का वितरण न कराकर विभाग किताब के बदले छात्रों के खाते में सीधे अनुदान देने का फैसला लिया हैं। इसमें वर्ग एक से लेकर पांच तक के छात्रों को डेढ़ सौ तथा पांच से आठ तक के छात्रों को ढ़ाई सौ अनुदान राशि दिए जाने का प्रावधान हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है छात्र अनुदान लेकर ही क्या करेंगे। जब बाजार में किताब उपलब्ध नहीं है।

क्या कहते है अधिकारी

पिछले साल किताब की छपाई देर से शुरू होने को लेकर नई किताब देर से आई। इस बार किताब का वितरण न करके विभाग छात्रों के बैंक खाते में सीधे अनुदान राशि भेजेगा। किताब बाजार में उपलब्ध होगी। अभीतक किताब छपाई और बाजार में किताब आने की कोई सूचना नहीं हैं। बाजार में किताब आते ही छात्रों के बीच किताब के लिए अनुदान राशि का वितरण ससमय शुरू कर दिया जायेगा।
समरबहादुर सिंह, डीपीओ सर्वशिक्षा, सीवान