आयोडीन की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण: सीएस

0
  • सीएस ने किया आयोडीन अल्पता बचाव सप्ताह की शुरूआत
  • बैनर-पोस्टर व दिवाल लेखन के माध्यम से चलेगा जागरूकता अभियान

सिवान: खाद्य पदार्थों में आयोडीन की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता बच्चों के पूर्ण मानसिक व शारीरिक विकास के लिए अति महत्वपूर्ण है तथा इसकी कमी होने से बच्चों में मंदबुद्धि, घेंघा तथा सामान्य शारीक विकास के वद्धि में अवरोध जैसी अनेक समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा ने सदर अस्पताल में ग्लोबल आयोडीन अल्पता बचाव दिवस की शुरूआत करते हुए कही। उन्होने कहा कि गर्भावस्था के समय आयोडीन की कमी से गर्भपात जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। जन्म लेने वाला बच्चा मंदबुद्धि हो सकता , जो उसके मानसिकता एवं कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है। वहीं इस मौके पर जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. जयश्री प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम के मुख्य उदद्श्य सभी आयु एवं वर्ग के लोगों में आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों को दूर करना तथा सिर्फ आयोडीन युक्त नमक के उपयोग के लिए समाज में जागरूकता लाना है। इस के लिए प्रत्येक वर्श 21 अक्टूबर को विश्व आयोडीन अल्पता बचाव दिवस मनाया जाता है।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

iyodene

एक सप्ताह तक विभिन्न कार्यक्रम का होगा आयोजन

एनसीडीओ डॉ. जयश्री प्रसाद ने बताया कि स्वयंसेवी संस्थानों की सहभागिता से आयोडीन युक्त नमक के सेवन का मानव जीवन में महत्व विषय पर जनमानस को जागरूक करने के लिए सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्तपाल, रेफरल अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्यस केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 21 से 28 अक्टूबर तक ग्लोबल आयोडीन अल्पता बचाव सप्ताह का आयोजन किया जायेगा। कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते स्वास्थ्य विभाग एवं आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशों का पालन करना आवश्यक है।

माइकिंग व दिवाल लेखन के माध्यम से जागरूकता

कार्यक्षेत्र की आशा, आंगनबाड़ी सेविका, एएनएम के सहयोग से एवं माइकिंग हैंडबिल, पोस्टर व दिवाल लेखन जागरूकता रैली के माध्यम से प्रचार प्रसार कराया जा रहा है। प्रचार प्रसार के लिए विभिन्न प्रकार के प्रिंटिंग हैंडबिल, पोस्टर, दिवार पेंटिंग, बैनर, पोस्टर, जागरूकता रैली निकाली जायेगी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समुदाय के बीच आयोडिन युक्त नमक का उपयोग के लिए जागरूकता फैलाना एवं इसकी निगरानी करना है।

आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियां

एनसीडीओ डॉ. जयश्री प्रसाद ने बताया कि यदि समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो आयोडीन की कमी से हार्ट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं जैसे- हार्ट का बढ़ा हुआ आकार और हार्ट फेल होना। वहीं इसकी कमी से महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या हो सकती हैं, जैसे-अवसाद और बांझपन। आयोडीन की कमी वाली महिलाओं के प्रेग्नेंट होने की संभावना 46 फीसदी कम होती है। गर्भवती महिलाओं में थायराइड हार्मोन की कमी का असर बच्चे पर पड़ता है। नवजात जन्म से कमजोर होगा। वहीं गर्भपात, मृत बच्चों का जन्म और जन्म से ही होने वाली असामान्यताओं का जोखिम बढ़ जाता है।