एईएस प्रोटोकॉल के मुताबिक उपचार नहीं दिए जाने पर बच्ची को गँवानी पड़ी जान

0
health related
  • मुजफ्फरपुर जिले की रहने वाली थी 8 वर्षीय चाँदनी
  • सीतामढ़ी जिले के रुन्नी सैदपुर सीएचसी में गंभीर अवस्था में करायी गयी थी भर्ती
  • हाइपोग्लाईसीमिया के कारण हुयी चाँदनी की मौत
  • स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार कुमार ने प्रेस नोट जारी कर दी जानकारी

पटना: एईएस पर प्रभावी रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल बनाया गया है. साथ ही राज्य के एईएस प्रभावित जिलों को इसी प्रोटोकॉल के माध्यम से किसी भी एईएस पीड़ित के उपचार करने के निर्देश भी दिए गए हैं. लेकिन 13 मई को मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में मुजफ्फरपुर जिले के प्रखंड औराई, गाँव कल्याणपुर के निवासी नंदू राय की 8 वर्षीय बेटी चांदनी कुमारी की एईएस के कारण मृत्यु हो गयी थी. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने प्रेस नोट जारी कर इस विषय में विस्तार से जानकारी दी है, जिसमें सीतामढ़ी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रुन्नी सैदपुर, के चिकित्सा पदाधिकरी डॉ.अनिल कुमार द्वारा एईएस प्रोटोकॉल के मुताबिक चाँदनी के उपचार नहीं किये जाने को मौत का कारण बताया गया है.

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

प्रोटोकॉल के मुताबिक नहीं किया गया उपचार

11 मई की दोपहर 4.26 बजे चाँदनी को गंभीर हालत में सीतामढ़ी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रुन्नी सैदपुर, में भर्ती कराया गया था. भर्ती के समय रोगी के शरीर का तापमान 98 डिग्री फारेनहाईट था एवं ब्लड शुगर 26 मिलीग्राम/डेसीलीटर था जो हाइपोग्लाईसीमिया को दर्शाता है. ऐसी स्थिति में निर्धारित प्रोटोकॉल के मुताबिक रोगी को तत्काल कर्तव्य पर उपस्थित चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा 10% डेक्सट्रोज की खुराक देनी चाहिए थी. लेकिन मौके पर उपस्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रुन्नी सैदपुर, के चिकित्सा पदाधिकरी डॉ. अनिल कुमार सिंह द्वारा मात्र सेफट्रीयाजोन 500 मिलीग्राम आइवी दवा देकर रोगी को मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में रेफर कर दिया गया. हालाँकि, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रुन्नी सैदपुर, में एईएस/जेई की चिकित्सा के लिए निर्धारित एसओपी के अनुसार सभी दवाएं एवं उपकरण उपलब्ध रहने के बावजूद डॉ. सिंह द्वारा प्रोटोकॉल के अनुसार रोगी की चिकित्सा नहीं की गयी.

एसकेएमसीएच में बच्ची को गँवानी पड़ी जान

चाँदनी को रात 1.10 बजे एसकेएमसीएच में भर्ती किया गया. जांचने पर उसका ब्लड शुगर 22मिलीग्राम/डेसीलीटर पाया गया. रोगी को बार-बार कनवलशन हो रहा था एवं बेहोशी की स्थिति थी. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसकेएमसीएच के चिकित्सकों द्वारा समुचित चिकित्सा प्रदान की गयी. इसके बावजूद भी रोगी की स्थिति में सुधार नहीं आया एवं अंततः 13 मई को रात्रि 12.40 बजे चाँदनी को अपनी जान गँवानी पड़ी.

ईलाज के प्रति उदासीनता दिखाने पर बीएमआरसी से निबंधन रद्द करने की अनुशंसा

चिकित्सा के लिए सभी आवश्यक दवाएं एवं उपकरण रहने के बावजूद भी चाँदनी कुमारी की समुचित चिकित्सा न कर उसे एसकेएमसीएच में रेफर किया गया. ड्यूटी पर उपस्थित डॉ. सिंह की लापरवाही एवं मरीजों के उपचार के प्रति उदासीनता के कारण ही बच्ची की अकाल मृत्यु हुयी. यद्यपि इसके लिए डॉ. सिंह से विभाग द्वारा कारण पृच्छा की गयी है कि क्यों नहीं उनकी संविदागत नियुक्ति रद्द करते हुए उनके इस अनप्रोफ़ेसनल व्यवहार के लिए बिहार मेडिकल रजिस्ट्रेशन काउंसिल से उनके निबंधन को रद्द करने की अनुशंसा की जाए.