बड़हरिया: दीनी तालीम के साथ ही तकनीकी शिक्षा की है जरुरत-डॉ फजीलुल्लाह

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  • मौलाना अब्दुल अजीज खान के पांचवे उर्स मौके पर आयोजित जलसे में हुई दस्तारबंदी
  • 10 मौलवी,आठ हाफिज व चार कारी की हुई दस्तारबंदी

परवेज अख्तर/सिवान: जिले के बड़हरिया प्रखंड मुख्यालय के बड़हरिया-गोपलगंज मुख्यमार्ग स्थित मदरसा जामिया शम्सिया तेगिया में बड़े मौलाना अब्दुल अजीज खान की पांचवें उर्स के तत्वावधान में आयोजित जलसे में 22 छात्रों की दस्तारबंदी की गयी. शनिवार की रात में इस जलसा-ए- दस्तारबंदी का आयोजन मौलाना डॉ सैयद फजीलुल्लाह सिद्दीकी(दिल्ली) की सरपरस्ती व मदरसा के हेड मदरीस मौलाना इफ्तिखार उर्फ बेदम सीवानी की अध्यक्षता में हुआ.इसका बखूबी संचालन कारी एजाज व मौलाना सगीबतुल्लाह ने किया. इसकी शुरुआत दिलकश गोपालगंजवी के इस नाते-पाक से हुई-””लौटकर आऊंगा न मैं शहर-ए-मदीना से कभी, जिस्म के साथ मेरी जान भी मदीने में रहे. साथ ही, नौशाद छपरवी,सोहराब कादरी व तौकिर इलाहाबादी ने भी नात-पाक की बेहतरीन प्रस्तुति से वाहवाहियां लूटीं.वहीं मुख्य अतिथि मौलाना डॉ सैयद फजीलुल्लाह चिश्ती ने कहा कि मदरसा के बच्चे दीनी तालीम तक महदूद नहीं रहें.

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उन्होंने कहा कि अभी तकनीकी शिक्षा क दौर है.बच्चों को दीनी तालीम के साथ ही दुनियावी तालीम लेनी चाहिए. लेकिन शिक्षा प्राप्त करना हर हाल में आवश्यक है. उन्होंने कहा कि पैगंबरे इस्लाम मोहम्मद साहब ने शिक्षा हासिल करने को अति आवश्यक बताया है. उन्होंने कुरान हदीस की शिक्षा पर अमल करने की बात कहीं. वहीं मौलाना डॉ वलीलुल्लाह ने कहा कि वे मदरसे की तालीम लेने के बाद जेपी यूनिवर्सिटी म़े प्राध्यापक हैं. मदरसा के बच्चे आइएस भी बन सकते हैं. यही सोच विकसित होनी चाहिए. मौलाना बेदम सीवानी ने कुरआन की रोशनी में पैगंबर मोहम्मद साहब से मोहब्बत करने के तरीके बताए. उन्होंने दुरूद और सलाम की फजीलत बयान किया. वक्ताओं ने बड़े मौलाना अब्दुल अजीज खान की मदरसे के विकास में की गयी तमाम कोशिशों की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी तमाम कोशिशों की वजह से आज मदरसा जामिया तेगिया शम्सिया से बड़ी तादाद में बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

उन्होंने मौलवी, हाफिज व कारी करने वाले बच्चों के लिए दुआएं की.बड़े मौलाना अब्दुल अजीज खान के शहजादे मौलाना अकील खान मिसबाही ने उर्स व जलसे में मौजूद तमाम लोगों का शुक्रिया अदा किया. उसके बाद 22 छात्रों की दस्तारबन्दी कर उनके नामों का एलान किया गया. इनमें मुफीद आलम, रमीम अहमद, अयाज अहमद, अफजल हुसैन, मो. ओसामा, सद्दाम हुसैन, मुमताज आलम, अजमत हुसैन, सफीउल्लाह, गुलाम फरीद, मो. एहसान, मो. अयान, मो. रोजाद्दीन, गुलाम नबी, अरशद रज़ा, फैज अहमद आदि शामिल हैं. इस मौके पर मदरसा के सेक्रेटरी मो. जलालुद्दीन अधिवक्ता ने सभी सभी मेहमानों को फूलमालाओं से सम्मानित किया. वहीं मौलाना अबुल हसन, मौलाना रहमत, मुफ्ती अब्दुल हमीद, मौलाना शाहिद कलीम, मौलाना हारुन, मौलाना मैनुद्दीन, मुफ्ती अहमद रजा,मौलाना वसी अहमद वसीम, मौलाना नूरुद्दीन, मौलाना वसीम, हाफिज साहेब जान, हदीस साहब, हाजी उमर, मुन्ना खान, दिलशेर खान, अजीमुल्लाह खान, हाजी टुन्ना खान, रिजवान अहमद,पूर्व मुखिया नसीम अख्तर, इम्तियाज खान,अश्फाक खान सहित अन्य मौजूद थे.