छपरा: अब दर्पण डेली एप से हाजिरी लगाएंगे चिकित्सक, एईएस प्रभावित जिले में लागू हुई व्यवस्था

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  • सुबह 5 से 6 बजे तक स्वयं दर्ज करनी होगी उपस्थिति
  • 24 घंटे चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराने के लिए विभाग संकल्पित
  • केयर इंडिया के सहयोग से दिया जायेगा प्रशिक्षण

छपरा: एईएस प्रभावित जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में 24X7 स्वास्थ्य सेवा प्रदान किया जाना अत्यन्त ही आवश्यक है। ताकि उक्त रोग से ग्रसित मरीजों को ससमय स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करायी जा सके। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग संकल्पित व प्रयासरत है। अब अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की उपस्थिति सुबह 05:00 से 06:00 बजे तक दर्पण डेली एप के माध्यम से दर्ज करने का निदेश दिया गया है। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेश मनोज कुमार ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। निर्देश दिया गया है कि जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी केयर इंडिया के सहयोग से जिला अन्तर्गत सभी संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों के उपाधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों के मोबाइल पर दर्पण डेली एप को इंस्टाल कर उन्हें एप का उपयोग कर स्वयं की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया से प्रशिक्षित कराना है।

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एइएस प्रभावित जिले में लागू व्यवस्था

जारी पत्र के माध्यम से निर्देश गया है कि दर्पण डेली एप पर हाजिरी (अटेंडेंस) बनाने की व्यवस्था सिर्फ एइएस प्रभावित जिले में लागू की गयी है। दर्पण एप के सफल क्रियान्वयन को लेकर केयर इंडिया के सहयोग से चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जायेगा। चिकित्सकों को इस एप को डाउनलोड करने का निर्देश दिया गया है। सभी चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है कि प्रतिदिन सुबह 5 से 6 बजे तक स्वयं अपनी उपस्थिति दर्ज करना सुनिश्चित करेंगे।

चमकी से बचाव के लिए तीन धमकियां याद रखें

गंभीर बीमारी चमकी से पीड़ित बच्चों को समय पर इलाज किया जाये तो वह पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष थीम दिया गया है ‘चमकी को धमकी।’ इसमें तीन धमकियों को याद रखने की जरूरत है, जिसमें पहली यह है कि बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलायें। इसके बाद सुबह उठते ही बच्चों को भी जगायें और देखें कि बच्चा कहीं बेहोश या उसे चमकी तो नहीं हुई है। अंत में बेहोशी या चमकी दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या नजदीकी गाड़ी से अस्पताल ले जायें। चमकी बुखार से पीड़त बच्चों को अस्पताल पहुंचाने के लिए मुफ्त में एंबुलेंस सेवा दी जाती है। इसके लिए पीड़ित को 102 नंबर पर डायल कर एंबुलेंस बुलाना है।

आवश्यक दवाओं की उपलब्धता की गयी सुनिश्चित

सिविल सर्जन डॉ. जर्नादन प्रसाद सुकुमर ने कहा कि जिले के सभी पीएचसी में जेई/एईएस से बचाव हेतु सभी आवश्यक दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया गया है। आवश्यक दवाओं के साथ-साथ पैरासिटामोल, ओआरएस, विटामिन ए सहित ग्लूकोज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया गया है।

इन बातों का रखें ध्यान

  • अपने-अपने बच्चों को रात में बिना खाना खिलाएं नहीं सोने दें।
  • अगर कोई बच्चा शाम के समय में खाना खाया है और सो गया है तो उसे भी रात में जगाकर अवश्य खाना खिलाएं।
  • बच्चों को रात में सोते समय अनिवार्य रूप से मीठा सामग्री यथा-गुड़, चीनी आदि खिलाएं।
  • चमकी बुखार अधिकांशतः रात के 02 बजे से 04 बजे के बीच आक्रामक रूप लेता है।‌
  • अगर चमकी के साथ तेज बुखार हो तो तुरंत क्षेत्र के एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को सूचित करें।
  • नजदीकी पीएचसी में ले जाकर समुचित उपचार कराएं.