बोचहां चुनाव में BJP का साथ देंगे चिराग…..नहीं उतारेंगे पार्टी का उम्मीदवार….

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पटना: बीजेपी सांसद अजय निषाद और लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के बीच हुई मुलाकात हुई। सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं की यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. भले ही चिराग पासवान बिहार एनडीए में शामिल नहीं हो, बीजेपी नेताओं से उनकी नजदीकी किसी से छुपी हुई नहीं है. वह लगातार पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करते नजर आते हैं. इसी बीच बोचहां विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतार कर चिराग ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बड़ी राजनीतिक चाल चली है. वहीं बोचहां सीट जीतने के लिए भाजपा अभी से ही पूरी ताकत झोंक दी है।

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जानकारी हो कि बिहार भाजपा के कई नेताओं ने चिराग पासवान को पिछले दिनों एनडीए में लाने की मांग केन्द्रीय नेतृत्व से किया था. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सह मुजफ्फरपुर से सांसद अजय निषाद ने पिछले दिनों कहा था कि चिराग पासवान जनाधार वाले नेता है उनको एनडीए गठबंधन में शामिल करना चाहिए. इसके अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री सह भाजपा सांसद रामकृपाल यादव सहित कई अन्य नेता भी चिराग के एनडीए वापसी की मांग कर चुके हैं. बता दें कि पिछले साल जून में लोजपा दो भागों में बंट गई थी जिसमें चिराग के चाचा पशुपति पारस समेत पांच सांसदों ने बगावत करके अलग गुट बना लिया था. जिसके बाद चिराग अलग थलग पड़ गये थें. लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर अन्य भाजपा नेताओं का प्यार और स्नेह चिराग को आशिर्वाद के रुप में मिलता रहा।

लोजपा रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बोचहां विधानसभा उप चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारने का एलान करके जहां भाजपा को मदद कर दी है. वहीं राजद और वीआईपी सहित अन्य दलों को यह संदेश दे दिया है कि लोजपा भाजपा के साथ डटकर खड़ी हुई है. जबकि बोचहां से लोजपा के पास अमर आजाद जैसे जमीनी नेता उम्मीदवार के रुप में उपलब्ध होने के वाबजूद भी चिराग पासवान ने भाजपा के उम्मीदवार को समर्थन दे कर राजनीतिक पंडितों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है साथ ही लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ मिल कर चुनाव लड़ने का संदेश दे दिया।

लेकिन चिराग पासवान के इस मास्टर स्ट्रोक से नीतीश कुमार के खेमें में जरुर खलबली मचा दी है. क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चिराग पासवान लगातार परिवार और पार्टी तोड़ने का आरोप लगाते रहे हैं और राजनीतिक जानकार भी उनकी बातों सही ठहराते रहे हैं. ऐसे में यह मुलाकात आने वाले दिनों में निश्चित तौर पर नीतीश कुमार के लिए काफी मुश्किलें पैदा कर सकती है. बता देें कि चिराग पासवान लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ आक्रमक रहते हैं और उनके नीतियों को लेकर लगातार सवाल उठाते रहे हैं।