कोरोना इफेक्ट: अब मास्क के उपयोग के प्रति जागरूक हो रहा है समाज का हर तबका

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  • बाजारों में ठेले खोमचे वाले भी कर रहें मास्क का प्रयोग
  • ग्राहकों को मास्क लगाने के लिए कर रहें है प्रेरित
  • कोरोना से बचाव के लिए मास्क हीं बेहतर विकल्प
  • एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाये रखें

छपरा: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का प्रसार अब जिले में धीरे-धीरे कम हो रहा है। इसका एक मात्र कारण है कि लोगों में जागरूकता आयी है। लोगों में कोरोना के प्रति पहले के तुलना काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। बाजारों में ठेले खोमचे वाले भी अब मास्क का प्रयोग करते दिख रहें है। इतना हीं नहीं ग्राहकों को भी मास्क पहनने के लिए प्रेरित कर रहें है। कोरोना से बचाव के लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं आया है। इसलिए मास्क ही कोरोना से बचाव का एक मात्र उपाय है।

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मास्क ही जीवन की रक्षा करेगा

शहर के नगरपालिका चौक पर भूजा बेच रहें उमाशंकर साह का कहना है “कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क का उपयोग बचाव का एक मात्र उपाय है। मैं तो पहले मास्क का उपयोग नहीं करता था। लेकिन आस-पास के लोगों में इसका प्रभाव देखा तो मैं भी अब नियमित रूप से मास्क पहनता हूं। इसके साथ हमारी दुकान पर जो भी ग्राहक आते हैं उनको मैं मास्क पहनकर हीं बात करने के लिए कहता हूं। एक नागरिक होने के नाते सबका जागरूक करना भी हमारी जिम्मेदारी है। ऐसी परिस्थिति में मास्क का प्रयोग कर महामारी से बचाने का कारगर हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए।”

जब तक दवाई नहीं तब कोई ढिलाई नहीं

शहर के थाना चौक पर पान बेच रहे झुनमुन का कहना है कि जब तक कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन नहीं आ जाती है, तब तक मास्क का उपयोग करते हुए दो गज की दूरी बनाकर रहना ही इस वैश्विक महामारी से बचने का सबसे एक मात्र आसान तरीका है। कोरोना के संक्रमण से हम खुद बचेंगे, तभी हमारा परिवार भी इसके दुष्प्रभाव से बचा रहेगा। इसलिए जब तक दवाई नहीं तब कोई ढिलाई नहीं करना चाहिए।

मास्क का उपयोग दवा या वैक्सीन समझकर करें

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए कोई भी दवा और वैक्सीन अभी तक नहीं बन पाई है। संक्रमण से बचने के लिए मास्क ही दवा या वैक्सीन है। बीमारी से बचाव का एक मात्र उपाय सोशल डिस्टेंस और मास्क पहनना है। मास्क का उपयोग दवा या वैक्सीन समझकर करना चाहिए। यदि हम मास्क का उपयोग नहीं करेंगे, तो ऐसी परिस्थिति में कोरोना का खतरा ज्यादा बढ़ जाएगा।

यात्रा के दौरान सतर्कता और आपसी सहयोग बनाए रखें

सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कहा कि जिला में कोरोना से संक्रमितों की संख्या में पहले की अपेक्षा में काफी कमी है। जिसके लिए हम समुदाय के हर वर्ग को कोरोना प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए विभाग प्रयासरत है। जागरूकता और सहयोग से ही विभाग के सीमित साधनों और लोगों के द्वारा कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटना संभव हो पा रहा है। किन्तु स्थिति अभी भी सामान्य नहीं है।