सीआरपीएफ जवान की मौत, शव पहुंचते ही मचा कोहराम

0
crpf

सीआरपीएफ की टुकड़ी ने श्मशान घाट पर दिया गाड ऑफ ऑनर

परवेज अख्तर/सिवान : नाेएडा में तैनात सीआरपीएफ जवान छोटका टेघड़ा गांव निवासी प्रमोद कुमार का शव मंगलवार की देर रात्रि गांव में पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पत्नी, माता, पिता, भाई समेत अन्य परिजनों के चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया। उनका दाह संस्कार बुधवार को गॉड ऑफ ऑनर के बाद कर दिया गया। बताया जाता है कि प्रखंड के छोटका टेघड़ा निवासी शिवजी मांझी के तीसरा पुत्र प्रमोद कुमार ने 3 मार्च 2011 को सीआरपीएफ में जीडी के पद पर योगदान दिया। 7 वर्षों तक विभिन्न शहरों में अपनी ड्यूटी बखूबी निभाई। इस बीच वे नोएडा में तैनात हुए। जनवरी 2019 में उनकी तबीयत खराब हो गई। उन्हें विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराया गया। 13 मार्च 2019 को उन्हें कैंसर की जानकारी हुई। फिर नोएडा स्थित सीआरपीएफ अस्पताल में इलाज शुरू हुआ। काफी संघर्ष के बाद 2 सितंबर को वे नोएडा अस्पताल में अंतिम सांस ली। नोएडा से उनका शव पटना एयरपोर्ट लाया गया,जहां से सीआरपीएफ के वाहन से पटना क्षेत्र के असिस्टेंट कमांडेंट ओमप्रकाश सिंह के नेतृत्व में प्रमोद का शव मंगलवार की मध्य रात्रि गांव पहुंचा। शव पहुंचते ही घर में कोहराम मच गया। पिता शिवजी मांझी, माता गुंजेश्वरी देवी, भाई संतोष कुमार, बबलू कुमार के चीत्कार से वहां उपस्थित हर कोई की आंखें नम हो जा रहीं थी। सभी जवान का एक झलक पाने को परेशान थे। बुधवार की सुबह काफी संख्या में लोग उनके शव यात्रा में शामिल हुए। पंचायत के मुखिया डॉ. राजाराम राय ने श्मशान घाट पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शमशान घाट पर सीआरपीएफ जवानों ने उन्हें गाॅड आफ आॅनर दिया। उसके बाद उसके भतीजा ने मुखाग्नि दी।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali
WhatsApp Image 2023-11-01 at 2.54.48 PM

2015 में हुई थी प्रमोद की शादी

प्रमोद की शादी 2015 में पिंकी कुमारी के साथ हुई थी। उनको अभी तक कोई संतान नहीं था। पति का शव पहुंचते ही उनकी पत्नी बेसुध हो गई। बार-बार बेहोश होकर गिर जा रही थी।अगल-बगल के लोग पानी का छिंटा देकर उन्हें होश में ला रहे थे और सांत्वना दे रहे थे।

तीन भाइयों में सबसे छोटा था प्रमोद

तीन भाइयों में प्रमोद सबसे छोटा था।एक भाई कोलकाता तथा दूसरा भाई दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं।

हर दुर्गापूजा में रामलीला में भाग लेता था प्रमोद

प्रमोद के मित्र पिंटू कुमार, सूरज कुमार, गोलू कुमार, छोटे कुमार आदि ने बताया कि प्रमोद शुरू से ही सेना में जाने के लिए उत्सुक था। प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा के अवसर पर आकाशी मोड़ पर रामलीला का आयोजन होता है। वह नौकरी के पहले से रामलीला में भाग ले कर आर्मी के जवान की भूमिका निभाते थे।