सिवान में शुक्रवार की संध्या व्रती देंगे अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अ‌र्घ्य

0

परवेज़ अख्तर/सिवान:
लोक आस्था के पर्व छठ पर्व की इन दिनों धूम है। खरना के साथ ही सूर्यषष्ठी व्रत की शुरुआत जहां गुरुवार को हुई, वहीं शुक्रवार की संध्या घाट पर व्रती महिलाएं व पुरुष अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देंगे। शुक्रवार को पर्व का तीसरा दिन है। तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को दिन में छठ का खास प्रसाद बनाया जाता है। छठ पर्व की महत्ता इसी से समझी जा सकती है कि दूसरे शहरों में रहने वाले लोगों का अपने अपने घरों में पहुंचने का सिलसिला शुक्रवार की शाम तक जारी था।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

तीसरे दिन का प्रसाद होता है खास

छठ के तीसरे दिन बनने वाले प्रसाद की भी खास अहमियत होती है। आज के दिन प्रसाद के रूप में व्रती महिलाएं ठेकुआ व चावल का लड्डू खासतौर पर बनाती हैं। इसके अलावा चढ़ावे के रूप में लाया गया सांचा और फल भी छठ प्रसाद के रूप में शामिल होता है।

परिवार के सदस्य भी देते हैं अ‌र्घ्य

आज के दिन प्रसाद तैयार करने के बाद शाम को पूरी तैयारी और व्यवस्था कर बांस की टोकरी में अ‌र्घ्य का सूप खूबसूरती के साथ सजाया जाता है। व्रती के साथ-साथ परिवार व पड़ोस के लोग भी अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देने के लिए घाट पर जाते हैं। सभी छठव्रती एक तय तालाब या नदी के किनारे इकट्ठा होकर सामूहिक रूप से भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देकर दान करते हैं।

कठिन तपस्या से कम नहीं है छठ महापर्व

सूर्य उपासना का यह महापर्व कठिन तपस्या से कम नहीं है। अधिकतर महिलाएं ही यह व्रत रखती हैं। कुछ पुरुष भी व्रत करते हैं। व्रत करने वाली महिलाओं को परवैतिन भी कहा जाता है। इस व्रत में व्रती को लगातार उपवास करना पड़ता है। भोजन के साथ साथ आरामदेह बिछावन का भी त्याग करना पड़ता है। फर्श पर एक चादर या कंबल बिछाकर रात काटनी होती है। इस पर्व में व्रती नए कपड़े बिना सिलाई वाली पहनती है। इस व्रत को उठाने के बाद तब तक करना पड़ता है जब तक कि कोई अगली पीढ़ी इसके लिए तैयार न हो जाए। अधिकतर महिलाएं पुत्र की चाहत व उसकी कुशलता के लिए यह व्रत करती हैं।

क्या है अ‌र्घ्य का शुभ समय

आचार्य ने बताया कि छठ पूजा के पावन पर्व पर भगवान सूर्यदेव को प्रथम अ‌र्घ्य शुक्रवार की शाम 5:17 बजे दिया जाएगा। वहीं अरुणोदयकालीन अ‌र्घ्य शनिवार की सुबह 6:32 बजे दिया जाएगा।

अधिकांश लोग घरों में ही करेंगे छठ पूजा

कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए एहतियात के तौर पर अधिकांश लोगों ने अपने-अपने घरों में ही छठ पूजा करने की तैयारी किए हुए है। वहीं सरकार द्वारा कोविड 19 को लेकर जारी किए गए गाइडलाइन को पालन कराने को लेकर जिला प्रशासन भी पूरी तरह से लगा हुआ है।