गोपालगंज:- सियासत का अखाड़ा बना चौक-चौराहा, हो रही चुनाव की समीक्षा

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स्थानीय उम्मीदवारों की जीत-हार को लेकर तैयार किये जा रहे समीकरण

निधि मिश्रा/गोपालगंज:- चुनाव की तिथि नजदीक आ गयी है.अब वोटरों में भी गोलबंदी शुरू हो गयी है.वहीं,विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों के समर्थक भी दिन- रात एक किये हुए हैं.कई आधारों पर चुनावी समीकरण तैयार किये जा रहे हैं.इधर,वोटर भी सियासत में पीछे नहीं हैं.सभी उम्मीदवारों को समर्थन देने का आश्वासन दे रहे हैं.गांव हो या बाजार का चौक चौराहा,हर-जगह सिर्फ चुनाव की ही चर्चा हो रही है.चर्चा में सभी वोटर अपने पक्ष की पार्टी की सरकार बनने का दावा कर रहे हैं.कोई एनडीए तो कोई महागठबंधन की सरकार बना रहा है.स्थानीय उम्मीदवारों की जीत-हार को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है.जिले का कुचायकोट विधानसभा क्षेत्र काफी चर्चा में है.यहां अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय पांचवीं बार चुनाव मैदान में हैं.चार बार चुनाव जीत चुके हैं.

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इस बार भी जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.महागठबंधन से पूर्व सांसद काली प्रसाद पांडेय चुनाव मैदान में हैं.रालोसपा से सुनीता कुशवाहा व लोजपा से रवि पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं.वहीं,सुधांशु कुमार पांडेय निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं.यहां चुनाव का समीकरण पल-पल बदल रहा है.चौक-चौराहों पर चाय की चुस्की के साथ सरकारें बन व बिगड़ रही हैं. कुचायकोट विधानसभा क्षेत्र के भगवती नगर बाजार में प्रतिदिन लोग चुनावी चर्चा में मशगूल दिख रहे हैं.बुधवार की शाम इस बाजार में चुनावी चर्चा का दौर चल रहा था.एक चाय की दुकान पर बैठकर लोग चुनाव की समीक्षा कर रहे थे.विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों की जीत-हार पर भी समीक्षा की जा रही थी.

मौके पर पहुंची जनादेश की टीम ने भी चुनावी चर्चा में शामिल होकर वोटरों से जानकारी ली.चर्चा के क्रम में सुखदेव साह कहते हैं कि जो पार्टी गरीबों व किसानों की समस्याओं को समझें तथा देशहित का ध्यान रखे,उस पार्टी के उम्मीदवार को ही समर्थन देने की जरूरत है.अवधेश पांडेय कहते हैं कि बिहार में विकास जरूर हुआ है.सड़क,बिजली आदि में काफी सुधार हुआ है.लेकिन,पिछले कुछ वर्षों से सरकारी कार्यालयों में भ्र्ष्टाचार बढ़ता जा रहा है.इस पर ध्यान देने की जरूरत है.इससे आम लोगों को परेशानी हो रही है.विधानसभा चुनाव में यह एक मुद्दा भी है.नेताओं को इस पर जरूर ध्यान देनी चाहिए.

चर्चा के क्रम में कुछ लोग लालू-राबड़ी व नीतीश सरकार के कार्यों की तुलना भी करते हैं.इनलोगों की बातों पर विष्णु दयाल सिंह कहते हैं कि इस बार एनडीए तथा महागठबंधन दोनों ने अपनी जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.देखा जाये कि इस बार किसकी सरकार बनती है.धर्मेंद्र कुशवाहा कहते हैं कि वोटरों ने विकास के नाम पर वोट देने का मूड बनाया है.विनय पांडेय कहते हैं कि कुछ भी हो,लेकिन जिस पार्टी की सरकार से लोगों को सुविधाएं मिलेंगी,उस पार्टी को तो जन समर्थन मिलेगा ही.पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यों से लेकर स्थानीय विधायक व चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवारों पर घंटों चर्चा हुई.गुड्डू पांडेय,ललित मोहन सैनी,इंद्रासन लोहार, व्यास पांडेय,बिहारी सोनार, चांद मोहम्मद मियां,कलाम मियां,सुनील पाठक,रामजी दुबे आदि लोग भी चुनावी चर्चा में शामिल थे.