गोपालगंज: साल भर में बदहाल हो गया कुचायकोट का सामुदायिक शौचालय

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गोपालगंज: जिले के कुचायकोट प्रखंड मुख्यालय से सटे कुचायकोट गांव के दलित बस्ती में लोहिया स्वच्छता मिशन के तहत बना सामुदायिक शौचालय साल भर के अंदर ही बदहाल हो गया है। अब यह सामुदायिक शौचालय खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। सामुदायिक शौचालय तक जाने के लिए न तो रास्ता है और ना ही ना ही पानी की कोई समुचित व्यवस्था। पानी के लिए यहां लगाए गए मोटर और टंकी का अता-पता नहीं है। सामुदायिक शौचालय के बाहर लगा चापाकल खराब पड़ा हुआ है। स्वच्छता मिशन के तहत बनाए गए इस सामुदायिक शौचालय की बदहाल दशा के कारण इस गांव में स्वच्छता तार-तार हो रहा है। फिर से सामुदायिक शौचालय बनने से पहले जैसा हाल हो गया है। लोटा लेकर यहां के लोग खेतों तथा सड़कों के किनारे जा रहे हैं।

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लोहिया स्वच्छता मिशन के तहत सभी पंचायतों में ऐसे दलित और महादलित बस्ती में उन लोगों के लिए सामुदायिक शौचालय बनाने की पहल की गई, जिनके घरों में शौचालय बनाने के लिए जगह उपलब्ध नहीं थी। इस योजना के तहत तीन लाख की लागत से कुचायकोट गांव के दलित बस्ती में पिछले साल सितंबर महीने में सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया गया। इस सामुदायिक शौचाललय का बीडीओ ने उद्धाटन किया था। लेकिन प्राक्कलन के अनुसार सामुदायिक शौचालय में न तो पानी के लिए टंकी लगाई गई और ना ही मोटर। पानी के लिए यहां एक चापाकल लगाया गया। दलित बस्ती के लोग बताते हैं कि शुरू में जिन लोगों के घरों में शौचालय नहीं है, वे लोग सामुदायिक शौचालय का इस्तेमाल करने लगे।

वहीं लोग सामुदायिक शौचालय की देखभाल तथा साफ सफाई भी करते थे। लेकिन बाद में अन्य लोग भी सामुदायिक शौचालय का इस्तेमाल करने लगे। लेकिन ये लोग गंदगी फैलाकर चले जाते थे। टंकी व मोटर नहीं लगाए जाने से पानी को लेकर पहले ही परेशानी थी। अन्य लोगों के सामुदायिक शौचालय का इस्तेमाल कर गंदगी फैलाने को देखते हुए जो लोग इसकी देखभाल करते थे, उन लोगों ने सामुदायिक शौचालय की साफ सफाई करना छोड़ दिया। गंदगी के कारण सामुदायिक शौचालय का इस्तेमाल लोगों ने बंद कर दिया। धीरे धीरे यह सामुदायिक शौचालय खंडहर में तब्दील होने लगा। यहां लगा चापाकल खराब जर्जर हालत में पहुंच गया है। यह सामुदायिक शौचालय इस्तेमाल करने के लायक नहीं रह गया है। सामुदायिक शौचालय का इस्तेमाल करने वाले लोग फिर से लोटा लेकर खुले में शौच कर रहे हैं। यहां सामुदायिक शौचालय के बदहाल होने के साथ ही स्वच्छता अभियान को पलीता लगने लगा है।