पोषण माह के अंतर्गत आयोजित की जाने वाली गतिविधियों का स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया कैलेंडर

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  • अतिगंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान और रेफरल एवं प्रबंधन की होगी सुविधा
  • स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा प्रचार प्रसार
  • जन्म के 1 घंटे के अंदर स्तनपान कराना किया जाएगा सुनिश्चित

छपरा: वर्ष 2022 तक देश में कुपोषण की दर में सुधार लाने के लिए सरकार कृत संकल्पित है। इसी क्रम में सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। पिछले वर्ष की तरह 1 से 30 सितंबर तक पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। पोषण माह के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के द्वारा भी कई गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र लिखकर सभी जिला पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है। साथ ही पोषण माह के अंतर्गत आयोजित किए जाने वाले गतिविधियों का कैलेंडर जारी किया गया है।

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इन कार्यक्रमों पर गतिविधियों का होगा आयोजन

  • अति गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान रेफरल एवं प्रबंधन
  • स्तनपान को बढ़ावा
  • गृह आधारित नवजात की देखभाल
  • सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा
  • राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम
  • विटामिन ए की खुराक अभियान
  • आयरन फोलिक एसिड गोली का वितरण
  • टीकाकरण
  • वीएचएसएनडी

अतिगंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान, रेफरल एवं प्रबंधन

पत्र में बताया गया है अतिगंभीर कुपोषित बच्चों में सामान्य बच्चों की तुलना में 9 से 11 गुना मृत्यु का खतरा अधिक होता है तथा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की लगभग 45% मृत्यु में अति गंभीर कुपोषण एक अंतर्निहित कारक होता है। इसलिए पोषण माह 2020 के अंतर्गत सभी अति गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान रेफरल एवं प्रबंधन का लक्ष्य रखा गया है।

समुदाय स्तर पर गतिविधियों का आयोजन

समुदाय स्तर पर आशा द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से समन्वय स्थापित कर लंबाई ऊंचाई के अनुसार 3SD से कम वजन वाले बच्चों की लाइनलिस्टिंग तैयार कर आरोग्य दिवस पर एएनएम से जांच करवाना, स्वास्थ्य केंद्र पर जांच करवाना सुनिश्चित किया जाएगा। आशा द्वारा बीमार, सुस्त दिखाई देने वाले दुबलेपन, स्तनपान व भूख में कमी एवं दोनों पैरों से सूजन वाले बच्चों की लाइन लिस्ट तैयार कर आरोग्य दिवस पर उनकी जांच सुनिश्चित की जाएगी. उक्त बच्चो में सांस का तेज चलना, छाती का धंसना, फरका आना एवं लगातार उल्टी दस्त होना इत्यादि लक्षण पाए जाने पर आशा द्वारा उन्हें तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या पोषण पुर्नवास केंद्र पर रेफर किया जाएगा। अतिकुपोषित बच्चे जिन्हें चिकित्सकीय जटिलता नहीं है एवं मध्यम गंभीर कुपोषित बच्चे की माताओं को एएनएम एमसीपी कार्ड में पोषण संबंधित दिए गए परामर्श देंगी। इन बच्चों के माता-पिता अभिभावक को नियमित आईएफए, अनुपूरक, छमाही विटामिन-ए सिरप एवं एल्बेंडाजोल टेबलेट के बारे में परामर्श दिया जाएगा।

स्वास्थ्य संस्थान स्तर पर गतिविधियां

स्वास्थ्य संस्थानों के ओपीडी आईपीडी अथवा टीकाकरण के लिए आए 0 से 5 वर्ष तक के दिखाई देने वाले दुबलेपन आशा/आंगनबाड़ी एवं द्वारा रेफर किए गए कुपोषित बच्चों की लंबाई /ऊंचाई के अनुपात में वजन का आकलन सुनिश्चित किया जाएगा । डब्ल्यूएचओ के संदर्भ सारणी (एमसीपी कार्ड ग्रोथ चार्ट) के अनुसार 3SD से कम वजन वाले बच्चों में खतरे के लक्षण जैसे ( चमकी आना, दोनों पैरों में सूजन, सांस तेज चलना, छाती का धसना, लगातार उल्टी दस्त होना, तेज बुखार या शरीर का ठंडा पड़ना, भूख में कमी, खून की कमी होना, त्वचा पर घाव एवं विटामिन ए की कमी से आंख में होने वाली बीमारी को पोषण पुनर्वास केंद्र के लिए रेफर करना सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले अभिभावकों को पोषण संबंधित परामर्श दिया जाएगा पोषण स्तर के आकलन के लिए स्वास्थ्य संस्थानों पर डिजिटल वेट मशीन, इन्फेंटोमीटर, स्टेडियोमीटर, एमयूएसी टेप, एमसीपी कार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

पोषण पुर्नवास केंद्र में मिलेगी गुणवत्तापूर्ण उपचार की सुविधा

पोषण माह के दौरान सभी पोषण पुर्नवास केंद्र क्रियाशील रहेंगे तथा कोविड-19 प्रोटेक्शन प्रोटोकॉल अपनाते हुए चिकित्सकीय जटिलता युक्त अति गंभीर कुपोषित बच्चों का गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित की जाएगी. उपचार के उपरांत डिस्चार्ज हुए बच्चों का दूरभाष के माध्यम से फॉलोअप कार्य नवनियुक्त सीबीसीई से करवाना सुनिश्चित किया जाएगा एवं डिस्चार्ज हुए बच्चों की सूचना संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सीडीपीओ आशा फैसिलिटेटर एवं आशा को उपलब्ध कराया जाएगा।

स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा जागरूक

संस्थागत एवं घर पर जन्म लेने वाले सभी नवजातो को जन्म के 1 घंटे के अंदर स्तनपान शुरू कराना सुनिश्चित किया जाएगा। संस्थान में स्वास्थ्य कर्मी तथा समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य कर्मी आशा इस कार्य को सुनिश्चित करेंगे.स्वास्थ्य संस्थानों में एएनसी टीकाकरण के दौरान आने वाली गर्भवती एवं धात्री माताओं को गर्भावस्था के अनुसार तथा बच्चों के उम्र के अनुसार स्तनपान एवं पोषण संबंधित परामर्श दिया जाएगा। समुदाय स्तर पर आशा मां कार्यक्रम के अंतर्गत 3 माह से ऊपर के गर्भवती एवं धात्री माताओं को गृह भ्रमण के दौरान जन्म के 1 घंटे के भीतर स्तनपान शुरू कराना, 6 माह तक सिर्फ स्तनपान कराना, 6 माह पूर्ण होने पर पूरक आहार शुरू करने के साथ स्तनपान को कम से कम 2 वर्ष तक जारी रखने एवं इनके लाभ के बारे में चर्चा करेंगी। कोविड-19 को देखते हुए बैठक के स्थान पर लाभार्थी से चर्चा करेंगे.

गृह आधारित नवजात की देखभाल

पोषण माह के दौरान आशा द्वारा होम बेस्ड न्यू बोर्न केयर कार्यक्रम के अंतर्गत अपने संबंधित क्षेत्र में शत-प्रतिशत नवजात के घर पर भ्रमण कर शिशु एवं माता के जांच तथा पोषण संबंधित सलाह देंगी। आयरन फोलिक एसिड गोली: 6 से 59 माह तथा 5 से 10 वर्ष के बच्चों किशोर किशोरियों तथा गर्भवती महिलाओं में एनीमिया के रोकथाम के लिए आईएफ़ए सिरप, आईएफए गुलाबी गोली, आईएफ़ए की नीली गोली एवं आईएफ़ए लाल गोली की उपलब्धता लाभार्थियों तक सुनिश्चित की जाएगी।

आरोग्य दिवस

नियमित टीकाकरण के साथ आशा आंगनबाड़ी, सेविका, एएनएम, स्वयं सहायता समूह, महिला मंडल एवं पंचायती राज के प्रतिनिधि कुपोषण एनीमिया स्वच्छता आदि विषय पर चर्चा करेंगे। ऐसे सत्रों की फोटो खींचकर पोषण अभियान की डैशबोर्ड पर अपलोड करना होगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक आरोग्य दिवस पर स्वास्थ्य पोषण विकास एवं स्वच्छता से संबंधित सेवाएं एवं जानकारियां वंचित तथा उपेक्षित वर्ग के लोगों को अवश्य दी जा रही हो एवं ऐसे प्रयासों की फोटो भी प्रतिवेदित की जाएगी।