मैरवा: कोरोना में बच्चों के इलाज के लिए चिकित्सक लेंगे ट्रेनिंग

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  • जीरो से18 साल के किशोर पर कोरोना को खतरा
  • ग्रामीण क्षेत्र में दवा के साथ मानव बल होंगे तैनात

परवेज अख्तर/सिवान: कोरोना के तीसरी लहर के लिए स्वास्थ विभाग बच्चों के ईलाज को लेकर सर्तक है। रेफरल अस्पताल में कोरोना के तीसरे लहर से निपटने को लेकर तैयारी से संबंध में पत्र भेजा है। परिवार कल्याण मंत्रालय ने नया कोविड केयर फोर सर्विसेज का गाइडलाईन साझा किया है। तीसरे लहर में जीरो से 18 साल तक के किशोर के कोरोना के चपेट में आने की ज्यादा संभावना है। टेस्ट की संख्या बढ़ाया जायेगा। प्रतिदिन 250 ऐंटीजेन और 70 आरटीपीसीआर टेस्ट किया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग बीमार बच्चे और किशोर पर विशष ध्यान देने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य संस्थान पूर्व से तैयारी में जुट गया है। सभी केन्द्र पर आवश्यक दवा,उपकरण के साथ मानव बल को तैनात करना है। बच्चों के कोरोना से संक्रमण के चपेट में आने से बचाव की तैयारी हो रही है। चिकित्सकों को ट्रेनिंग दी जायेगी। मंगलवार को जिला मुख्यालय में वीडीयो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा चाईल्ड कोविड केयर के नये दिशा निर्देश से वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया गया है।

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जिसके बाद पीएचसी और ग्रामीण क्षेत्र के चिकित्सा संस्थान में कार्यरत चिकित्सकों को इसके तहत आने वाले बच्चों के ईलाज के लिए दवा के बारे में बताया जायेगा। चिकित्सक को बच्चों में कोरोना के साथ होने वाली अन्य बीमारी के ईलाज के लिए ट्रेंड किया जायेगा। स्वास्थ्य केन्द्र में शिशु रोग विशेषज्ञ के नहीं होने से सभी चिकित्सक को ट्रेंड किया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सभी पीएचसी केन्द्र ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सक के रिक्त पद को भी भरा जायेगा। अस्पताल प्रबंधन ने रिक्त पद के बारे में जिला मुख्यालय को सूचित किया है। अस्पताल में चिकित्सक के साथ एनएनम की संख्या कम हो रही है। रेफरल अस्पताल में दस बेड पर आक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था हो रही है। अस्पताल में दस बेड कोवीड के मरीज के लिए आरक्षित किया जा सकता है। प्रबंधक शाहीद अंसारी ने कहा कि मंत्रालय के 70 पेज का चाईल्ड केयर के संबंध में गाइउलाइन आया है। जिसके आधार पर बच्चो के स्वास्थ्य को लेकर विशेष ध्यान दिया जाना है।