मुखिया हत्या कांड:- मृत सुनील सिंह मुखिया की कहानी, गांव के वृद्ध मुहबोली चाचा दुखन सिंह की जुबानी

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परवेज़ अख्तर/सिवान:
जैसे ही मुखिया सुनील सिंह की हत्या की सूचना उनके पैतृक गांव नेरूआ गांव निवासी अमर नाथ सिंह उर्फ दुखन सिंह (67 वर्ष) को मिली तो वे दहाड़ मार रोने भी लगने लगे। दुखन सिंह ने रविवार से लेकर सोमवार तक उनके दरवाजे पर डेट थे। आने-जाने वाले लोगों से बस यही कह रहे थे कि जिसे हमने बचपन से अपनों की तरह जाना व माना लेकिन ऊपर वाले ने आज ऐसी नौबत कर दी कि मेरे ही कंधे पर उनका जनाज़ा उठा। दुखन सिंह ने बताया कि मैं बचपन से ही सुनील सिंह को बहुत जानता मानता था। बतादें कि दुखन सिंह जो पश्चिम बंगाल के कोलकाता 28 के दमदम में होटल चला कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं।

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तथा मृत मुखिया के गांव के मुहबोली चाचा है। चाचा दुखन सिंह का मृत मुखिया सुनील सिंह से काफी प्रगाढ़ संबंध था। दोनों एक दूसरे को अपनों की तरह समझा करते थे। वहीं मुखिया की हत्या के बाद दुखन सिंह का भी रोते-रोते उनके रिमझिम आंखों के आंसू ही सूख गए हैं। यहाँ बताते चले कि महाराजगंज प्रखंड के बलऊं पंचायत के मुखिया सुनील सिंह को शातिर अपराधियों ने रविवार की दोपहर गोली मार निर्मम हत्या कर डाली। घटना दारौंदा थाना के करसौत पुल के समीप की है।