लापरवाही: जमुई के धोवघट गांव में भागवत कथा के बाद फैला कोरोना, अब तक 46 मिले संक्रमित, 2 की हो चुकी है मौत

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जमुई: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच मौत का आंकड़ा भी लोगों को डरा रहा है. बावजूद इसके लापरवाही के भी ऐसे कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं जो जानलेवा साबित हो रहे हैं. जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड के कोल्हुआ पंचायत के धोवघट गांव में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां अब तक 46 कोरोना मरीज मिल चुके हैं. इनमें से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है. बताया जा रहा है कि इस गांव में कोरोना के केस गांव के काली मंदिर में आयोजित भागवत कथा के बाद आने शुरू हुए.

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मिली जानकारी के अनुसार बीते 8 से 13 अप्रैल तक काली मंदिर परिसर में भागवत कथा का आयोजन हुआ था, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए थे. इसमे गांव ही नहीं दूर-दराज के पंचायतों से भी लोग पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि यहां भागवत कथा के दौरान कोविड नियमों को लेकर लापरवाही बरती गई थी.  जानकारी यह भी मिली है कि भागवत कथा के बाद रांची से आए कथा वाचक भी पॉजिटिव पाए गए थे.

गांव के लोग भी मानते हैं कि भागवत कथा के दौरान कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन व इस पूरे आयोजन के दौरान बरती गई असावधानी के कारण ही गांव में कोरोना फैला है. बताया जा रहा है कि भागवत कथा के बाद 13 मई तक गांव में 46 लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण मिला है. यही नहीं बीते एक सप्ताह में गांव के दो लोगों की मौत हो चुकी है. अब गांव के लोग सेनेटाइजेशन और सभी लोगों की जांच की मांग कर रहे हैं.

गांव के कुणाल सिंह और राजा कुमार का मानना है की भागवत कथा में दूसरे जगह से लोग आए थे, जिसके बाद ही गांव में कोरोना फैलना शुरू हुआ. अब तक दो लोगो की मौत हो चुकी है. जरूरी है कि गांव का सैनिटाइजेशन हो और सभी लोगों का कोरोना जांच करवायी जाए. मामले में सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा ने बताया है कि वहां कैंप लगाकर जांच करवायी जाएगी. इसके लिए स्थानीय हेल्थ विभाग की टीम को निर्देशित किया गया है.

कोरोना संक्रमित मिलने के बाद भी गांव में शादी के आयोजन के बारे में ग्रामीणों का कहना है कि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए शादी समारोह में लोग शामिल होते हैं. कोरोना के बढते मामले के बीच गांव में दहशत तो है पर यहां अभी भी शादी समारोह हो रहे हैं, बीते 13 मई को भी गांव में शादी का आयोजन हुआ था