पहिरि बलम जी पियरिया, दउरा घाटे पहुंचाय…..

0

आस्था के उफान के आगे दब गई प्रशासन का गाइडलाइन

[परवेज़ अख्तर की विशेष रिपोर्ट]

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

लोक आस्था के महापर्व छठ व्रत का आज पहला दिन है। राजधानी समेत पूरा बिहार भक्तिमय हो गया है।चौक चौराहों से लेकर गली मोहल्ले तक को रोशनी से सजाया गया है।जिला प्रशासन की ओर से घर की छतों पर मनाने की गुहार के बाद भी गंगा तटों समेत अन्य नदियों,तालाबों व जलाशयों के घाटों को सजाया गया है। छठ पूजा से जुड़े भोजपुरी से लेकर मैथिली गीतों से शहर से लेकर गांव तक गुलजार हो गया है।भोजपुरी की स्वर सामग्री शारदा सिन्हा के गीत तो गूंज ही रही है, मनोज तिवारी, खेसारी लाल यादव समेत अन्य कलाकारों के गीत गूंज रहे हैं।

दरअसल सूर्य की उपासना का पावन पर्व छठ अपने धार्मिक पारंपरिक और लोक महत्व के साथ ही लोकगीतों की वजह से भी जाना जाता है।घाटों पर ‘छठी’मैया की जय, जल्दी जल्दी उगी हे सूरज देव… कईली बरतिया तोहार हे छठी मैया, दर्शन दे हे आदिति देव…कौन दिन छई हे दीनानाथ… जैसे गीत बज रहे हैं।दूसरी ओर आज खरना के लिए सुबह से ही पटना में गंगा घाटों पर जल लेने को श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई है।गंगाजल से ही खरना का प्रसाद बनाया गया।खरना के गुण और दूध में अरवा चावल से बनी खीर और रोटी का भोग लगाया गया।

इसके बाद सभी व्रती इसे प्रसाद रूप में ग्रहण किए। हालांकि कहीं कहीं देर रात में पूजा की जाती है।खासकर मिथिलांचल में देर रात में करने का प्रावधान है। इसके बाद 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत होगी।शुक्रवार को पहला तथा शनिवार की सुबह के अर्घ्य के साथ पारण होगा। इसे लेकर घाटों पर केला के पेड़ से सजाया गया है। झालर व रंगीन बल्बों से पूरा घाट नहा रहा है।पटना के कंकड़बाग हनुमान नगर,इनकम टैक्स चौराहा,अशोक राजपथ समेत गंगा घाटों से जुड़े अन्य मार्गो को भी रोशनी में नहा दिया गया है।

लोगों से घरों की छतों पर छठ मनाने का प्रशासन ने किया आह्वान

कोरोना काल में छठ को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। प्रशासन की ओर से गाइडलाइन पालन करने का आग्रह किया जा रहा है। अधिकारियों ने लोगों से खतरनाक घाटों पर जाने से मना किया है।कहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने अपने घरों में ही छठ पर्व का अनुष्ठान करें। छत पर ही इसे मनाए।इससे पुण्य में कहीं से भी कमी नहीं आएगी। प्रशासन ने कहा कि लोग कम से कम संख्या में गंगा घाट पर पहुंचे। हालांकि आस्था के उफान के आगे काफी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो इसका पालन नहीं कर रहे हैं।अशोक राजपथ पर वाहनों के नहीं चलने के बाद भी बड़ी तादाद में लोग गंगा किनारे छठ पूजा करने के लिए तैयार हैं।