सामुदायिक रेडियो से कोविड-19 के खिलाफ लोगों को किया जा रहा जागरूक

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  • स्वास्थ्य विभाग व सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च की पहल
  • सीफार के सहयोग से रेडियो मयूर ने किया पदाधिकारियों के संदेश को प्रसारित
  • कोरोना संक्रमित माँ भी करा सकती बच्चे को स्तनपान
  • बुजुर्गो को विशेष रूप से ख्याल रखने की जरूरत
  • कोरोना संक्रमण काल में पौष्टिक आहार बेहद जरूरी

छपरा: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की ओर से व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को गति देने के लिए अब सामुदायिक रेडियो का भी साथ मिल गया है। सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से रेडियो मयूर के माध्यम से शहरवासियों को कोरोना के खिलाफ बचाव का संदेश दिया जा रहा है। रेडियो के माध्यम से क्षेत्रीय अपर निदेशक डॉ. रत्ना शरण, सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा, डीपीएम अरविन्द कुमार ने शहरवासियों को कोरोना बचाव के लिए जागरूक रहने की अपील की है। सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से रेडियो मयूर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बातचीत की । जिसमें क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रत्ना शरण ने कहा कि मां को यूं ही नहीं भगवान का दर्जा दिया गया है। कोरोना भी मां और उसके बच्चे के बीच के प्यार को कम नहीं कर सकता। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमित मां भी सावधानी के साथ नवजात शिशु को दूध पिला सकती हैं । इस दौरान महिलाओं को केवल चेहरे पर मास्क व फेस शील्ड लगाना जरूरी होगा। महिलाओं को अपने हाथ और स्तन को साफ करना भी जरूरी होगा। दूध पिलाने के बाद मां को अपने बच्चे से दूरी बनानी जरूरी होगी। कहा कि कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष खयाल रखने की जरूरत है। उन्हें कम से कम घर से बाहर निकलना चाहिए। अगर वे बाहर से आने वाले व्यक्ति से मिलती भी हैं तो उन्हें दो गज की शारीरिक दूरी के नियम का पालन जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से ही वे खुद और अपने गर्भ को कोरोना संक्रमित होने से बचा सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि मां संक्रमित है तो उसका बच्चा भी संक्रमित होगा।

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कोरोना काल में बुजुर्गो का रखें विशेष ख्याल

सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कहा कि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। बुजुर्ग खासकर 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्ति को अभी सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। जिन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, संक्रमण की चपेट में जल्द आ जाते हैं। इसलिए इस वक्त बुजुर्गों का सबसे अधिक ख्याल रखने की जरूरत है। संक्रमण का यह वक्त अधिकांश लोगों का घर में बीत रहा है, इसलिए इस वक्त अपनों का ख्याल रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसलिए इस वक्त एक-दूसरे के साथ अच्छा समय बिताएं। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि उम्रदराज व्यक्तियों को अभी आपकी ज्यादा जरूरत है। इसलिए उनके साथ अधिक से अधिक समय बिताएं। मोबाइल से हटकर भी एक अलग दुनिया है। बुजुर्गों के साथ अच्छा व्यवहार करें। अगर किसी बुजुर्ग व्यक्ति को कोरोना होता है तो उनके लिए संस्थागत आइसोलेशन हीं बेहतर है। क्योंकि यहां पर हर वक्त् सभी सुविधा उपलब्ध है। उनके खान-पान का भी विशेष ख्याल रखने की जरूरत है।

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कोरोना संक्रमण काल में पौष्टिक आहार बहुत जरूरी

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने कहा कि इस महामारी से बचाव के लिए आहार का भी बहुत महत्व है। कोरोना से बचने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून) को बढ़ाना भी आवश्यकक है। शरीर में रोग प्रतिरक्षण क्षमता बढ़ाने को नियमित आहार में फल और सब्जी (सलाद) की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए सुबह खाली पेट ताजे फल और हरी सब्जियों का सलाद जरूर लेना चाहिए। विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के साथ-साथ स्ट्रेस हार्मोन को कम करता है। संतरा इसका सबसे अच्छा स्रोत है। आप इसे फल के रूप में या जूस के रूप में भी ले सकते हैं। डीपीएम ने कहा कि कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर के लिए ज़रूरी है क्योंकि यह हमें ऊर्जा प्रदान करती है। ओटमील- कार्ब्स, सेलेनियम, विटामिनबी, फॉस्फोरस और कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है। हरी सब्जियों को शामिल किए बिना कोई भी आहार पौष्टिक नहीं हो सकता। पालक, हरी सरसो, मेथी, और ब्रोकोली जैसे विकल्प सबसे अच्छे हैं। इनका सेवन करने से पहले सब्जियों को अच्छी तरह से साफ कर लें और धो कर ही प्रयोग लाएं।

कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन

  • एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
  • सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
  • अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
  • आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
  • छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।