परवेज अख्तर/सिवान: जिले में एक बार फिर मौसम ने अंगड़ाई ली है। मौसम के बदले हुए मिजाज ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। आसमान में हुए छाए बादलों का रंग-रूप पल-पल में बदलता रहा। गुरूवार से ही मौसम का मिजाज बदला हुआ है। इस वजह से कहीं अधिक तो कहीं कम, जिले में हर में जगह में बूंदाबांदी हो रही है। शुक्रवार को सुबह में तेज हवाएं खूब चलीं। इस दौरान कुछ पल के लिए धूप भी निकला। लेकिन, दोपहर होते-होते शहर समेत जिले के कई हिस्सों में फिर बूंदाबांदी शुरू हो गयी। हालांकि, कुछ समय बाद बारिश की बूंदें टपकना बंद हुई तो पुरवाइया हवाएं एक बार फिर से चलने लगीं। इससे पिछले तीन-चार दिनों से कम हुआ ठंड अचानक से बढ़ गया। शुक्रवार का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तो दोपहर का तापमान 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुछ जगहों पर 4 से 5 एमएम तक बारिश हुई है। लेकिन, मौसम के शनिवार तक गड़बड़ ही रहने की बात कही जा रही है। किसानों का कहना है कि ऋतुराज के आगमन पर भी मौसम अपना तेवर दिखाने से बाज नहीं आ रहा है। किसानों की माने तो इस बूंदाबांदी से दलहनी और तेलहनी के साथ-साथ आलू-प्याज की फसल को थोड़ा-बहुत नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि, गेहूं और मक्के की फसल के लिए यह बूंदाबांदी टॉनिक का काम करेगा।
टोले-कस्बों की कच्ची सड़कें हुईं कीचड़मय
हल्की बारिश में ही टोले-कस्बों की कच्ची सड़कें एक बार फिर कीचड़मय हो गयी हैं। टूटी-फूटी सड़कों पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी। इधर, शादी-विवाह का सीजन होने से रिश्तेदारी में पहुंचे लोगों को भी इस वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को तिलकोत्सव समारोह में नेवता पर शामिल होने वाले लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मौसम के गड़बड़ होने से मवेशियों के साथ पशुपालकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को सरस्वती पूजा होने के कारण बाजारों में खरीद-बिक्री पर कुछ खास असर तो नहीं पड़ा। लेकिन, दुकानदारों व पूजा-पाठ के समान लेने पहुंचे समिति के लोगों को जरूर परेशानी हुई। मौसम विभाग द्वारा पहले से अलर्ट कर दिए जाने से पूजा-पंडालों में पानी रोकने के लिए बरसाती चट्ट का प्रयोग किया गया है।
बेमौसम बारिश से आलू को नुकसान
जिले में बेमौसम बारिश होते रहने से आलू की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। पिछले साल आलू का बंपर पैदावार हुआ था। लेकिन, इस बार आलू में न तो ढंग से दाने लगे हैं न साइज ही बढ़ पाया है। इसके कारण आलू उत्पादक किसान काफी परेशान हैं। कुछ इसी तरह का हाल मटर, चना व मसूर के पौधे का है। मौसम के लगातार गड़बड़ रहने और बारिश के भी होते रहने से इनमें फूल ही नहीं दिख रहे हैं। कई जगह तो खेत में ज्यादा नमी होने से पौधों में ग्रोथ ही नहीं हुआ है। सरसों की फसल भी इस साल बेहतर नहीं है। किसानों का कहना है कि दलहनी व तेलहनी फसलों के साथ-साथ आलू, लहसुन और प्याज के पौधे को 30 से 50 फीसदी तक नुकसान होने की संभावना है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला कृषि पदाधिकारी जयराम पाल ने कहा कि जिले में अभी हल्की बारिश हुई है। इससे फसल को कुछ खास नुकसान नहीं होने वाला है। गेहूं और मक्के की फसल के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है। जिले में कहीं-कहीं ही 4 से 5 एमएम तक बारिश हुई है।
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