शहाबुद्दीन के परिवार की JDU से बढ़ी नजदीकियां ! सीएम नीतीश से मिले ओसामा, राजद में मची खलबली

0

पटना: बिहार विधानसभा उपचुनाव के बाद से ही दो बड़े खेमे, जदयू और राजद में हलचल जारी है। अब इसमें एक और कड़ी जुड़ गई है, जो पूर्व दिवंगत सांसद शहाबुद्दीन से जुड़ी है। बाहुबली शहाबुद्दीन जहां आरजेडी के बड़े नेताओं में से एक और लालू यादव के खासमखास रहे, वहीं अब सियासत का ध्रुवीकरण बदल रहा है। शुक्रवार को दिवंगत सांसद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब जदयू के दो बड़े नेताओं से मिले और लंबी बातचीत की।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

पहली बार ओसामा पहुंचे 1, अणे मार्ग

शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास की फिजा ही बदल गई, जब ओसामा शहाब का वहां आना हुआ। वह वहां सीएम नीतीश कुमार से मिलने और अपनी बहन डॉ. हेरा शहाब की शादी का कार्ड देने आए थे। बता दें कि हेरा शहाब का निकाह इसी महीने की 15 तारीख को सीवान में होने वाला है, जिसका निमंत्रण देने वह सीएम के पास गए थे। ओसामा ने सीएम नीतीश कुमार से शादी में आने का आग्रह किया। विदित हो कि नीतीश कुमार के शासनकाल में ओसामा संभवतः पहली बार एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास आए थे। जबकि राजद के शासनकाल में मोहम्मद शहाबुद्दीन बेरोकटोक इस आवास पर आते रहते थे।

आरसीपी सिंह को भी दिया निमंत्रण

सीएम से मुलाकात के बाद ओसामा सीधे नालंदा के मुस्तफापुर गांव पहुंचे, जहां इस वक्त केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह आए हुए हैं। ओसामा ने केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को भी बहन की शादी का निमंत्रण पत्र दिया और शादी में आने का आग्रह किया। इस दौरान दोनों के बीच काफी लंबी बातचीत भी हुई। जिसके बाद ओसामा शहाब वहां से निकल गए।

पिछले महीने हुआ था ओसामा का निकाह

ओसामा की शादी पिछले महीने हुई थी। उसमें जदयू के बड़े नेता शामिल नहीं हुए थे। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सहित राजद के बडे नेता शामिल हुए थे। ओसामा ने अपनी शादी में आने के लिए मुख्यमंत्री को मिल कर न्योता नहीं दिया था। इस लिहाज से बहन की शादी में न्योता देने को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है। हाल के दिनों में शहाबुद्दीन के परिवार से राजद की दूरी बढ़ी है। परिवार की अपेक्षा थी कि राजद हिना शहाब को राज्यसभा में भेज दे। जबकि राजद ने लोजपा से आए मो अशफाक करीम को राज्यसभा में भेज दिया। हिना के दावे की अनदेखी की गई। इस वजह से इस मुलाकात को राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है।