सिसवन में आग से जलकर दो वृद्धों की हुई मौत के दूसरे दिन भी छाई रही मातमी सन्नाटा

0
  • जीप उपाध्यक्ष ने पहुंच घटना की लि जानकारी, वह पीड़ित परिजनों को दी सांत्वना
  • आग तापने के क्रम में जल गए थे वृद्ध पति -पत्नी

परवेज अख्तर/सिवान:
जिले के सिसवन थाना क्षेत्र के हरिहर छ्परा गांव में आग से जलकर दो वृद्ध पति-पत्नी की हुई मौत के दूसरे दिन भी गांव में मातमी सन्नाटा पसरा रहा. इधर एक ही घर से एक के बाद एक की उठ रही अर्थीयो को देख पुरे गांव में गम का माहौल बन गया था, परिजनों के रोने-बिलखने का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा था. इधर घटना की जानकारी मिलते ही जिप उपाध्यक्ष ब्रजेश कुमार सिंह ने गुरुवार की सुबह हरिहर छ्परा गांव पहुंच पीड़ित परिजनों को सांत्वना दी वह हर संभव सहयोग करने की बात कही. घटना के संदर्भ में बताया जाता है की हरिहर छ्परा गांव निवासी 70 वर्षीय शरीखन ठाकुर एवं 65 वर्षीय पत्नी सुदमिया देवी सोमवार की सुबह ज्यादा ठंड होने के कारण दरवाजे पर बैठकर आग जलाकर ताप रहे थे, इसी दरमियान दोनो पति पत्नी के धोती,साड़ी व साल में अचानक आग पकड़ लिया, जिससे आग से पूरी तरह पति पत्नी झुलस कर घायल हो गये, तब परिजनों ने आनन-फानन में रेफरल अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद दोनो घायलों को सिवान सदर अस्पताल रेफर कर दिया, इधर इलाज के दौरान मंगलवार की सुबह सरिखा ठाकुर की अस्पताल में ही मौत हो गई.

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

जबकी बुधवार के अहले सुबह पत्नी सुदमिया देवी की मौत हो गई, इधर 12 घंटे के अंदर पति पत्नी की हुई मौत से परिजनों में कोहराम मच गया था. वह पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. इधर एकलौता पुत्र अरुण ठाकुर का रो रो कर बुरा हाल था, बावजूद आसपास के लोगों ने पीड़ित परिजनों का ढाढस बढ़ाते हुए आर्थिक सहयोग कर दोनों का अंतिम संस्कार करवाया. हालांकि इस घटना को लेकर जिप उपाध्यक्ष ने जिला प्रशासन से पीड़ित परिजनों के लिए आर्थिक सहायता के तौर पर मिलने वाली आपदा राहत कोष से चार-चार लाख रूपए की मांग की है. इस दौरान जगलाल साह,संजय यादव, बलिराम यादव, हीरालाल सिंह, उमाशंकर साह, मनन राय, दरफ राय,दुधी राय, राजन राय, वर्मा ठाकुर, शिवदास शर्मा, गौतम पान्डेय, रामबाबू श्रीवास्तव, धर्मनाथ राम आदि दर्जनों लोग मवजूद रहे.