सिवान: जयंती पर याद किए गए स्वतंत्रता सेनानी ब्रजकिशोर बाबू

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परवेज अख्तर/सिवान: शहर के श्रीनगर स्थित ब्रजकिशोर डीएवी पब्लिक में शनिवार को महान स्वतंत्रता सेनानी व समाजसेवी ब्रजकिशोर बाबू की जयंती मनाई गई। मौके पर विद्यालय परिसर में हवन पूजा किया गया तथा उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। मौके पर वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके आदर्शों को आत्मसात करने पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रीति सिंह ने की। मौके पर स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं, अतिथियों एवं ब्रजकिशोर स्मारक ट्रस्ट के सदस्यों ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण उनके पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लिया। मौके पर भजन-कीर्तलन का भी आयोजन किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्रभारी सीमा कुमारी पांडेय ने कहा कि ब्रजकिशोर बाबू का जीवन अनुकरणीय रहा है। उन्होंने समाज को बेहतर दिशा प्रदान की।

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मौके पर संजय कुमार मिश्रा, बीके झा, गीता प्रसाद, ब्रजकिशोर स्मारक ट्रस्ट के सदस्य सुनील कुमार सिन्हा, संगीत शिक्षक उज्ज्वल अविनाश, भारती कुमारी आदि उपस्थित थे। वहीं शहर के एक निजी संस्थान में महान स्वतंत्रता सेनानी ब्रजकिशोर बाबू की जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए शिक्षाविद् गणेश दत्त पाठक ने कहा कि राष्ट्रीय आंदोलन के बौद्धिक आयाम को गढ़ने में ब्रजकिशोर बाबू की बड़ी भूमिका रही है। ब्रजकिशोर बाबू ने महात्मा गांधीजी के चंपारण सत्याग्रह की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। असहयोग आंदोलन के दौरान गांधीजी के आह्वान पर अपनी चमकती वकालत छोड़ दी थी। सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान उन्होंने अपनी रणनीति से फिरंगी हुकूमत के सामने बड़ी मुश्किल उत्पन्न कर दी थी।

ब्रजकिशोर बाबू वास्तव में राष्ट्रनायक थे, लेकिन परंतु विडंबना यह रही कि इतिहास के पन्नों में उन्हें, जिस प्रतिष्ठा के वे हकदार थे, वह नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि ब्रजकिशोर बाबू का व्यक्तित्व राष्ट्र की सेवा, त्याग और संवेदना का संदेश देता है। डा. अविनाश चंद्र ने कहा कि ब्रजकिशोर बाबू ने राष्ट्रीय जन जागरण में बड़ी भूमिका निभाई थी। गांधीजी ने अपनी आत्मकथा में ब्रजकिशोर बाबू को जेंटल बिहारी कहा था। सच्चिदानंद सिन्हा और राजेंद्र बाबू भी ब्रजकिशोर बाबू से विशेष स्नेह रखते थे। डा. प्रमोद कुमार ने कहा कि ब्रजकिशोर बाबू ने शिक्षा के प्रसार में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था। संगोष्ठी के उपरांत श्रीनगर स्थित ब्रजकिशोर बाबू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर सुनील सिन्हा, मृत्युंजय पांडेय, शालिनी कुमारी, श्वेता सिंह, आर्य सुमन, सुशांत रंजन, विकास सिन्हा, रागिनी कुमारी आदि उपस्थित थी।