सिवान: मां शारदे कहां तू वीणा बजा रही है…..

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परवेज अख्तर /सिवान: जिला मुख्यालय समेत प्रखंडों में माघ शुक्ल पक्ष पंचमी शनिवार को बसंतोत्सव धूमधाम से मनाया गया। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण तीसरे लहर को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए मां सरस्वती की पूजा की गई। पूजा पंडालों व मां की प्रतिमाओं को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। पूजा को ले बच्चों में काफी उत्साह देखा गया। बच्चे अल सुबह से ही पूजा की तैयारी में व्यस्त दिखे। इस दौरान या देवी सर्वभूतेषु.., मां शारदे कहां तू वीणा बजा रही, वीणा पुस्तक रंजीत हस्ते.. वीणा वर दे दायिनी, या कुंदेंदु तुषारहार धवला या शुभ्र वस्त्रा वृता.. आदि श्लोकों से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा। जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाकों में सुबह से मां सरस्वती की पूजा शुरू हो गई, जो देर रात तक चलती रही। पूजा के बाद बच्चों से लेकर बूढ़े तक व महिलाओं ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर बसंत ऋतु का स्वागत किया। पूजा अर्चना के साथ ही श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।

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अबीर-गुलाल लगाकर एकदूसरे को दी बसंत पंचमी की बधाई :

बसंत पंचमी के पावन अवसर पर मां सरस्वती की पूजा समेत अन्य देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद पूजा स्थलों पर खूब अबीर-गुलाल उड़े। बच्चों से लेकर बुजुर्गों ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर बसंत पंचमी की बधाई दी तथा बसंत ऋतु का स्वागत किया। इसके पूर्व श्रद्धालुओं द्वारा घरों में भी देवी-देवताओं पर अबीर गुलाल चढ़ाया गया। तत्पश्चात बच्चों ने अपने से बड़ों को अबीर गुलाल लगा आशीर्वाद लेते हुए बसंतोत्सव मनाया।

जमकर हुई मेहमानबाजी :

बसंत पंचमी को एक-दूसरे के यहां खाने-खिलाने की परंपरा रही। लोग एक-दूसरे के घर जाकर स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद चखा तथा बसंत पंचमी की बधाई दी। ठंड के बावजूद लोगों को उत्साह देख ऐसा लग रहा था कि मानों होली का त्योहार हो।

इंटरनेट मीडिया के माध्यम से दी बधाई :

बसंत पंचमी के मौके पर लोगों ने एक दूसरे को वाह्टसअप, फेसबुक, इमो समेत अन्य इंटरनेट मीडिया के माध्यम से बधाई दी। युवा व युवतियां एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर अपनी-अपनी सेल्फी लेकर दोस्तो व परिवार के सदस्यों को भेजते देखे गए।

बसंत पंचमी पर गांवों में सुनाई दी फगुआ गीत

बसंत पंचमी के त्योहार के साथ ही फागुनी बयार बहने लगी है। प्रकृति अपने रंग बिखेरने में जुट गई है। सरसों की फसल में पीले रंग के फूलों की चादर दूर से ही लोगों का ध्यान खींच रही है। इसी क्रम में ग्रामीण चौपालों समेत अन्य जगहों पर शनिवार को होली के ताल ठोंके गए। देवन में महादेवा बड़ा हो, गोकुल में श्रीकृष्ण कन्हैया, खेलहूं गेंद गिरे यमुना में…., राम खेले होली लक्ष्मण खेले होली…, रामजी पगिया रंगा दे सइयां हो, हाथ लिए बेल पत्र के दौरा… समेत अन्य होली गीतों से पूरा माहौल होलीमय हो गया।