सिवान: छठ व्रतियों ने किया खरना, सोमवार अस्ताचलगामी सूर्य को देंगे अर्घ्य

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परवेज अख्तर/सिवान: नहाय-खाय के साथ शनिवार से शुरू हुए लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन रविवार को व्रतियों ने पूरे दिन उपवास रहने के बाद श्रद्धा एवं निष्ठापूर्वक खरना किया। सोमवार को छठ व्रत धारण करने वाले महिला-पुरुष व्रती विभिन्न घाटों पर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य देंगे। वहीं मंगलवार की सुबह उदयागामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिनों तक चलने वाले इस लोक आस्था के पर्व का विधिवत समापन हो जाएगा। इसके पूर्व खरना को लेकर सुबह से घरों में तैयारी शुरू हो गई थी। दोपहर बाद शहर से लेकर गांव तक खरना का अनुष्ठान शुरू हुआ। व्रतियों ने मान्यता के अनुसार खीर, रसियाव, रोटी का प्रसाद तैयार किया। कई जगहों में सेंधा नमक से तैयार चावल, चने की दाल आदि का प्रसाद बनाया गया। देर शाम व्रतियों ने विधि विधान के साथ भगवान सूर्यदेव की पूजा आराधना की। इसके बाद खरना का प्रसाद ग्रहण कर उपवास तोड़ा। व्रती के प्रसाद ग्रहण के बाद स्वजनों ने प्रसाद ग्रहण किया।

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हिंदू धर्म में सूर्य की उपासना का है विशेष महत्व :

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आचार्य ने बताया कि हिंदू धर्म में सूर्य की उपासना का विशेष महत्व है। छठ पूजा धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का लोकपर्व माना जाता है। यह एक ऐसा त्योहार है, जिसमें सूर्य देव का पूजन कर उन्हें अर्घ्य दिया जाता है। इस बार सोमवार को व्रती पहला अर्घ्य अर्पण करेंगे। सूर्योपासना का यह अनुपम पर्व संतान की खुशहाली और अच्छे जीवन की कामना के लिए किया जाता है। यह व्रत सूर्य भगवान, उषा, प्रकृति, जल, वायु आदि को समर्पित है।

पूजन सामग्री की खरीदारी को बाजार में उमड़ी रही भीड़ :

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पर्व को लेकर रविवार को पूरे दिन बाजार में पूजन सामग्रियों की खरीददारी के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। पूजा को लेकर सभी घाटों पर साफ-सफाई का काम युद्धस्तर पर चलता रहा। घाटों पर सफाई के अलावा सुरक्षा को लेकर लोग दिनभर कवायद करते रहे।

माहौल हुआ भक्तिमय :

महापर्व को लेकर पूरा क्षेत्र भक्तिमय बना हुआ है। हर ओर छठ मैया के गीत गूंज रहे हैं, तो श्रद्धालु साफ-सफाई और खरीददारी में लगे हैं। वहीं व्रती पवित्रता और नेम-निष्ठा के साथ अनुष्ठान में जुटे हैं।