टीबी उन्मूलन के लिए प्रखंडों में टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की मीटिंग शुरू

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  • प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित
  • टीबी चैंपियन शेयर किया अनुभव
  • केयर इंडिया की टीम कर रही है सहयोग
  • स्लोगन लेखन के माध्यम से जागरूक करने का प्रयास
  • गड़खा, अमनौर दिघवारा सहित अन्य प्रखंडों में हुई बैठक

छपरा: राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) की सफलता के लिए पूरे जिले में ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ अभियान चलाया जा रहा है। कार्यक्रम की सफलता के लिए विभाग ने जन आंदोलन के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत जिला से प्रखंड स्तर पर कई गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी गड़खा अमनौर, दिघवारा सहित कई प्रखंडों में प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य केंद्रों में बैठक की गई। बैठक में टीबी उन्मूलन के लिए रुप रेखा तैयार की गई। जिसमें नए टीबी मरीजों की खोज तथा उनके तुरंत उपचार पर बल दिया गया। गड़खा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सरवजीत कुमार ने कहा कि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। जिसमें मरीजों की संख्या को 80 प्रतिशत तथा टीबी के कारण मृत्युदर को 90 प्रतिशत तक कम किया जाना है। वहीं गड़खा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्लोगन लेखन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें कर्मियों ने कई रोचक स्लोगन लिखकर जागरूकता का संदेश दिया।

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केयर इंडिया की टीम कर रही है सहयोग

केयर इंडिया के गड़खा बीएम प्रशांत कुमार सिंह, अमनौर बीएम आदित्य कुमार और दिघवारा बीएम अमितेश कुमार अमित ने बताया कि टीबी उन्मूलन में जिला एंव प्रखंडस्तर पर केयर इंडिया के टीम के द्वारा सहयोग किया जा रहा है। प्रखंडस्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ताकि वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन किया जा सके।

टीबी के लक्षण एवं उपचार पर विस्तार से चर्चा

प्रखंडस्तरीय बैठक में टीबी के कारण और लक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। चिकित्सा पदाधिकारियों ने टीबी के लक्षण दिखते ही सरकारी अस्पताल में मरीजों को रेफर करने की अपील की और कहा कि टीबी को जड़ से मिटाने के लिए हमें समेकित प्रयास की जरुरत है। जन आंदोलन अभियान के तहत हरेक प्रखंड में टीबी पर एएएनएम तथा टीबी चैंपियन के साथ नए मरीजों की खोज की जाएगी। ताकि टीबी रोगियों का जल्द से जल्द उपचार शुरु किया जा सके।

हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज

सिविल सर्जन डॉ. जर्नादन प्रसाद सुकुमार ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों के इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही दवा भी मुफ्त दी जाती है। टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। टीबी रोगी सघन खोज अभियान में रोग के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है। साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास भी किया जाता है।

टीबी रोग के लक्षण

  • लगातार तीन हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
  • खांसी के साथ खून का आना
  • छाती में दर्द और सांस का फूलना
  • वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
  • शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
  • रात में पसीना आना