✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
पूर्व मुख्यमंत्री श्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव दिवंगत शहाबुद्दीन के परिवार से मिलने के लिए सीवान के प्रतापपुर आ रहे हैं। हालांकि अभी तक तेज प्रताप के आगमन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से हरी झंडी नहीं दिखाई गई है। उधर कोरोना गाइडलाइन के तहत तेजप्रताप यादव ने इसकी लिखित सूचना सारण के डीजीपी से लेकर सीवान के डीएम और एसपी तक को दे दी है। ताकि प्रोटोकॉल के अनुसार से सुरक्षा के इंतजाम हो। बता दें की विगत दिनों सीवान में जगह-जगह तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव के पुतले जलाए गए थे और पुतलों की चप्पलों से पिटाई भी की गई थी।
लगे थे तेजस्वी व लालू मुर्दाबाद के नारे :
दिवंगत शहाबुद्दीन के समर्थकों ने लालू यादव व तेजस्वी यादव मुर्दाबाद के नारे लगाए थे। आक्रोश को देखते हुए तेजप्रताप पहले से ही अलर्ट रहना चाहते हैं। यहाँ बताते चले कि विकास पुरुष कहे जाने वाले सिवान के पूर्व सांसद डॉक्टर मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद यह पहला मौका है जब लालू प्रसाद यादव के परिवार का कोई सदस्य शहाबुद्दीन के स्वजनों से मुलाकात करेगा। शहाबुद्दीन के इंतकाल के दिन से अब तक लालू परिवार का कोई सदस्य ना तो दिल्ली और ना ही प्रतापपुर गांव जाकर मुलाकात किया था। जिस कारण शहाबुद्दीन के समर्थकों में लालू परिवार के इस रवैये को लेकर काफी आक्रोश दिख रही है।
डैमेज कंट्रोल करने में जुटा हुआ है लालू परिवार :
तेजप्रताप के प्रतापपुर गांव के दौरे को लेकर राजनितिक गलियारे से आने वाले लोगों से लेकर स्थानीय लोग यह मान रहे है कि लालू प्रसाद यादव डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल सीवान के पूर्व सांसद डॉक्टर मो. शहाबुद्दीन के निधन के बाद से ही राजद में राजनीतिक सरगर्मी तेज है। राजद के रघुनाथपुर से आरजेडी विधायक हरिशंकर यादव ने 8 मई को अपने बयान में कह दिया था कि वो राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को नहीं जानते हैं। पत्रकारों से बात करते हुए राजद विधायक ने कहा है कि वो शहाबुद्दीन व हीना शहाब के परिवार के लिए वफादार हैं और उन्हें लालू यादव और तेजस्वी यादव से कोई मतलब नहीं है। बताया जा रहा है कि श्री यादव के इस बयान से राजद खेमे में हड़कंप मचा हुआ है।
आखिर क्यों ख़फ़ा हैं दिवंगत शहाबुद्दीन के स्वजन?
सीवान लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके राजद के पूर्व सांसद डॉ. मो. शहाबुद्दीन को जब दिल्ली के डीडीयू अस्पताल में कोरोना संक्रमित होने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन द्वारा भर्ती कराया गया था तब से लेकर उनके निधन के दिन तक लालू परिवार का एक भी सदस्य शहाबुद्दीन का हाल लेने अस्पताल नही पहुंचा था और तो और जब शहाबुद्दीन का इंतकाल हो गया तब भी लालू परिवार की शहाबुद्दीन परिवार से दूरी बनी रही। दिवंगत शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा अकेले ही हालात से निपटते रहे, यहां तक कि पार्टी का कोई भी शीर्ष नेता दिल्ली नहीं पहुंचा। पार्टी की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली जबकि शहाबुद्दीन मरते दम तक लालू परिवार के वफादार बने रहे।
आगमन को लेकर जिला प्रशासन कर रहा है मंथन :
तेज प्रताप के सिवान दौरे को लेकर जिला प्रशासन विधि व्यवस्था संधारण के मसले पर गहराई पूर्वक अधिकारियों के साथ विचार विमर्श कर रहा है लेकिन खबर प्रेषण तक अभी जिला प्रशासन की ओर से हरी झंडी नहीं दिखाई गई है। जिससे उनके आगमन के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी हो सके।
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