एक साथ उठी तीन छात्रों की अर्थी, गांव में मचा कोहराम

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परवेज़ अख्तर/सीवान:- जिले के मैरवा थाना क्षेत्र के इंग्लिश गांव से रघुनाथपुर के रकौली गांव स्थित बालापार गांव में रविवार को तिलक समारोह में शामिल हो वापस लौट रहे एक बाइक पर सवार तीन छात्रों की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद इंग्लिश गांव में सोमवार को एक साथ तीन अर्थी उठी। गांव में कोहराम मच गया। सबके आंखों से आंसू छलक पड़े। मैरवा थाना क्षेत्र के इंग्लिश गांव के लालजी चौहान की बेटी का तिलक रघुनाथपुर के रकौली के बालापार टोला में अर्जुन चौहान गांव गया था। इस तिलक में शामिल होने के लिए एक बाइक पर तीन युवक भी गए थे। इंग्लिश गांव में ही एक और तिलक आया हुआ था। इसमें शामिल होने के लिए तीनों वहां तिलक में नाश्ते के बाद लौट रहे थे। इसी दौरान असांव थाना के कशिला-त्रिकलपुर मोड़ के निकट दुर्घटना ग्रस्त हो गए, जिसमें एक की मौत घटनास्थल पर हो गई। दूसरे कि इलाज को सिवान ले जाने समय और तीसरे को पटना ले जाने के दौरान रास्ते में ही मौत हो गई। इसकी सूचना जैसे ही उनके परिजनों को मिली तो कोहराम मच गया। पूरे गांव के लोग उमड़ पड़े।

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हमेशा के लिए बुझ गया इकलौता चिराग

सड़क दुर्घटना में इंग्लिश गांव के उमेश गोड़ का पुत्र अभिषेक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। अभिषेक की मौत से घर का इकलौता चिराग हमेशा के लिए बुझ गया। उसके पिता उमेश गोड़ सऊदी अरब में काम करते हैं। उसकी तीन बहन है और तीनों अभिषेक से छोटी है। अभिषेक इकलौता होने के कारण घर का लाडला था। उसकी हर बात घर में मानी जाती थी घर के लोगों ने एक बाइक खरीदी थी। उसकी मौत से गांव के सभी दुखी दिखे। परिजनों के आंखों से आंसू थम नहीं रहा था।

घटना से छात्रों में भी मातम

इंग्लिश गांव में सड़क हादसे में मौत के शिकार अभिषेक, श्रवण और विद्यार्थी तीनों दसवीं के छात्र थे। श्रवण नौ में पढ़ता था। तीनों हरिराम उच्च विद्यालय के छात्र थे। दुर्घटना में हुई मौत से की खबर मिलते ही उनके मित्र एवं सहपाठी उनके घर पहुंच गए। कोचिंग के शिक्षक दीपू कुमार पटेल भी वहां पहुंचे। सभी छात्र आंसू बहाते हुए दिखे। उन्हें अपने मित्र अभिषेक, विद्यार्थी कुमार और श्रवण को खोने का दर्द साल रहा था। वे मृतक के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे थे, लेकिन उनके जुबान गम में डूब गए थे। कुछ देर परिजनों के साथ बैठ आंसू बहाने के बाद लौट गए।

शव के इंतजार में इंग्लिश चौक पर जमी रही भीड़

पोस्टमार्टम गृह से शव आने की प्रतीक्षा में गांव वाले घंटों इंग्लिश चौक पर जमे रहे। बच्चे बूढ़े सबकी नजरें उधर आने वाली हर वाहनों की तरफ थी। पल-पल फोन कर सिवान से शव वाहन के चलने की सूचना लेते रहे। हर बार उन्हें बताया जाता है कि शव लेकर वाहन सिवान से चल चुका है, फिर भी ग्रामीणों को घंटों इंतजार करना पड़ा। करीब साढ़े ग्यारह बजे एक पीकअप पर तीन शव पहुंचा तो चीत्कार से गांव दहल उठा।

शव आने के पहले हुई दाह संस्कार की तैयारी

सड़क दुर्घटना में मौत की खबर मिलते ही तीनो मृतकों के घर उनके रिश्तेदार पहुंच गए थे। सभी दुख में डूबे शव के आने का इंतजार के साथ ही दाह संस्कार की तैयारी में लग गए। बांस का अर्थी बनाकर तैयार कर दिया गया, ताकि शव आते ही उसे दाह संस्कार के लिए दरौली ले जा सकें और उसमे विलंब ना हो। तीनों मृतकों के परिजन बदहवास थे। कोहराम के बीच चीत्कार मार रो रहे थे।

बार-बार बेहोश हो रही थी बहन

मृतक अभिषेक की छोटी बहन चीत्कार मार कर रो रही थी। बार-बार बेहोश होक हो रही थी। उसे समझाने की हर कोशिश नाकाम थी। भाई के जुदा होने और घर का चिराग बुझ जाने का दर्द उसकी बर्दाश्त से बाहर था। वह बार-बार कह रही थी भैया किसको कहेंगे। रोने के दौरान कह रही थी अभिषेक उसे छोड़कर क्यों चला गया। उसकी तो हर खुशी के लिए घर के लोग हर पल तैयार थे।

परिजनों से मिला राजद का प्रतिनिधिमंडल

राजद का प्रतिनिधिमंडल मृतकों के परिजनों से मिलकर सांत्वना दिया। प्रतिनिधि मंडल में मुखिया अजय चौहान, हरेंद्र पटेल और राजद नेता संजय सिंह कुशवाहा और सैयद मोहम्मद इकबाल शामिल थे। बाद में वे दाह संस्कार में शामिल होने के लिए दरौली रवाना हो गए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10-10 लाख सरकार दे। उनके साथ मैरवा पुलिस और अंचलाधिकारी भी दरौली गए।