पोषण अभियान के तहत किशोर-किशोरियों व गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिए दी जा रही आयरन की गोली

0
anganbadi sevika
  • आंगनबाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दे रही आयरन गोली
  • एनिमिया की दर में प्रतिवर्ष 3 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य
  • आयरन की गोली से दूर होगा एनिमिया की समस्या

छपरा: किशोरावस्था स्वस्थ जीवन की बुनियाद होती है। इस दौरान बेहतर शारीरिक एवं मानसिक विकास से स्वस्थ जीवन की आधारशिला तैयार होती है। साथ ही किशोरियों में खून की कमी भविष्य में सुरक्षित मातृत्व के लिए ख़तरनाक साबित हो सकती है। इसको ध्यान में रखते हुए पोषण माह के दौरान 10 से 19 वर्ष तक के किशोर-किशोरियों व गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोली दी जा रही है। कोरोना संकट काल में स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बंद कर दिया गया है। ऐसे में आंगनबाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर किशोर-किशोरियों के बीच आयरन गोली का वितरण कर रही हैं।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

anganbadi sevika 2

 

कुपोषण दर में प्रतिवर्ष 2 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य

डीपीओ वंदना पांडेय ने बताया कि पोषण अभियान के तहत विभिन्न विभागों के समन्वय से निर्धारित सीमा के अंदर बच्चों में अल्प वजन, बौनापन एवं दुबलापन की दर में कमी लाई जानी है। योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए बच्चों के कुपोषण दर में प्रतिवर्ष दो फीसद एवं किशोरी व महिलाओं के एनीमिया दर में प्रतिवर्ष तीन फीसद की कमी लाने की दिशा में संयुक्त प्रयास किया जा रहा है।

साप्ताहिक आयरन फॉलिक एसिड अनूपुरण कार्यक्रम

साप्ताहिक आयरन फॉलिक एसिड अनूपुरण(विफ़्स) कार्यक्रम के तहत विद्यालय जाने वाले तथा विद्यालय नहीं जाने वाले किशोर-किशोरियों को आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर आयरन की गोली उपलब्ध करायी जा रही है। 10 से 19 वर्ष अथवा कक्षा 6 से 12वीं तक विद्यालय नहीं जाने वाली किशोरियों को पूर्व की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर आई स्ट्रीप्स आईएफए ब्लू गोली (15) उपलब्ध करा रहीं है तथा खाने की विधि को विस्तार से बता रही हैं।

एनिमिया है एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या

राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला समन्वयक सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि एनिमिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो स्वास्थ्य व तंदुरुस्ती के साथ-साथ पढ़ने एवं काम करने की क्षमता को भी विपरीत रूप से प्रभावित करती है. इसी को लेकर किशोर-किशोरियों की बेहतर स्वास्थ्य को लेकर कदम उठाया गया है. माध्यमिक विद्यालयों में किशोर-किशोरियों को दवा खिलायी जाती है. वहीं, विद्यालय नहीं जाने वाली किशोरियों आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से दवा दी जाती है. प्रत्येक बुधवार को प्रशिक्षित शिक्षक-शिक्षिका एवं स्कूल नहीं जाने वाली किशोरियों को आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से खिलाया जाता है. लेकिन फिलहाल स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद है। इस वजह से घर-घर जाकर आयरन की गोली का वितरण किया जा रहा है।

लक्षित समूह

  • स्कूल जानेवाले सभी किशोर व किशोरी जो की छठी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा के बीच हों.
  • सभी बच्चे जो 10 वर्ष से 19 वर्ष की आयु के बीच हों.
  • ऐसी किशोरी जो की स्कूल नहीं जाती हो.

आयरन की कमी गंभीर समस्याओं का संकेत

  • शरीर में आयरन की कमी से कई गंभीर समयाएँ उत्पन्न होती है।
  • आयरन की कमी से किशोरों में स्मरण शक्ति, पढ़ाई में अच्छे प्रदर्शन एवं सक्रियता में कमी आ जाती है
  • सम्पूर्ण मानसिक एवं शारीरिक विकास में बाधा
  • रोग प्रतिरोध क्षमता में कमी के कारण संक्रमण फैलने का अधिक ख़तरा
  • मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में बढ़ोतरी
  • प्रसव के दौरान स्वास्थ्य जटिलताओं में वृद्धि