अब रविवार और राजपत्रित अवकाश को भी होगा कोविड-19 का टीकाकरण व सैंपल कलेक्शन: सिविल सर्जन

0
  • सिविल सर्जन ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को दिया निर्देश
  • संक्रमण के रोकथाम के लिए सजग है स्वास्थ्य विभाग
  • होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की हो रही है निगरानी

छपरा: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि राजपत्रित एवं रविवारीय अवकाश के दिन भी कोविड-19 का टीकाकरण एवं कोविड-19 की जांच की जाएगी.

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2022-08-26 at 8.35.34 PM
WhatsApp Image 2023-04-20 at 8.45.32 PM

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ जनार्दन प्रसाद सुकुमार ने जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य प्रबंधकों को दिशा निर्देश जारी किया है। सिविल सर्जन डॉ जनार्दन प्रसाद सुकुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग सजग और सतर्क है. इसको लेकर लगातार अहम निर्णय भी लिए जा रहे हैं, इसी कड़ी में यह निर्णय लिया गया है कि अवकाश के दिन भी कोविड-19 का टीकाकरण एवं कोविड-19 की जांच सुनिश्चित की जाएगी। सिविल सर्जन ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं.

होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की हो रही है निगरानी

सिविल सर्जन डॉ जनार्दन प्रसाद सुकुमार ने बताया कि जिले में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों का फोन कॉल के माध्यम से फालोअप किया जा रहा है। वहीं आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका तथा एएनएम के द्वारा गृह भ्रमण कर निगरानी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को कोविड दवा किट भी उपलब्ध करायी जा रही है। इसके साथ ही जिला नियंत्रण कक्ष के माध्यम से उनके स्वास्थ्य का हाल- चाल पूछा जा रहा है।

14 दिनों तक क्षेत्र भ्रमण कर रही आशा-एएनएम व आंगनबाड़ी सेविका

सिविल सर्जन डॉ जनार्दन प्रसाद सुकुमार ने कहा कोरोना संक्रमित मरीज पाए जाने के बाद उसके घर के आसपास के क्षेत्रों को माइक्रो कंटेनमेंट ज़ोन घोषित किया जा रहा है। माइक्रो कंटेनमेंट ज़ोन में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोविड-19 जांच रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से की जा रही है। वहीं आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका तथा एएनएम के द्वारा 14 दिनों तक गृह भ्रमण कर प्रत्येक व्यक्तियों के लक्षणों के बारे में जानकारी ले रही है।