सुरक्षित कोविड-19 टीकाकरण को लेकर वेबिनार का हुआ आयोजन

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  • सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के द्वारा किया गया वेबिनार का आयोजन
  • वेबिनार के माध्यम से टीकाकरण को लेकर फैली भ्रांतियों को किया गया दूर
  • जिले में रिकवरी रेट 99.9%
  • 1 सप्ताह में नहीं मिला एक भी पॉजिटिव मरीज

छपरा: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के खिलाफ जिले में कोविड-19 टीकाकरण महाअभियान की शुरुआत 16 जनवरी से की गई है। कोविड-19 टीकाकरण को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के फील्ड आउटरीच ब्यूरो, छपरा के द्वारा वेबिनार का आयोजन किया गया। कोविड-19 टिकाकरण को लेकर लोगों में फैली भ्रांतियों को दूर करने के उद्देश्य से इस वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार के माध्यम से वक्ताओं ने कोविड-19 टीकाकरण के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि कोविड-19 का टीका पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है। यह टीका हर वर्ग के लोगों के लिए जरूरी है, ताकि स्वयं के साथ-साथ समाज व देश की रक्षा कोरोना संक्रमण से की जा सके। वेबिनार का संचालन फील्ड आउटरीच ब्यूरो छपरा के एफ़पीए सर्वजीत सिंह ने किया।

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क्लिनिकल ट्रायल के बाद शुरू हुआ है वैक्सीनेशन

होराइजन थेरैप्यूटिक्स, कैलिफोर्निया (यूएसए) के एसोसिएट डायरेक्टर (अनुसंधान और विकास) डॉ ब्रजेश कुमार ने कहा हमलोग बेहद सौभाग्यशाली हैं कि बेहद कम समय में ही कोविड-19 वैक्सीन का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया भारत में निर्मित वैक्सीन की प्रभावशीलता 80 से 90% है। वैक्सीन बेहद कारगर एवं पूरी तरह सुरक्षित है। वैक्सीन के अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे हैं। लोगों के बीच वैक्सीन को लेकर फैली भ्रांतियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के बाद ही वैक्सीनेशन शुरु किया गया है। वैक्सीन के निर्माण के तहत प्रथम चरण में इसकी सुरक्षा तथा दूसरे चरण में इसकी प्रभावशीलता पर कार्य किया गया है। तीसरा चरण चूंकि बहुत लंबा होता है, इसीलिए वैक्सीन को आपातकालीन परिस्थितियों में मंजूरी दी गई है। इसलिए वैक्सीन को लेकर किसी को भी किसी प्रकार की भ्रांति नहीं होनी चाहिए। वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इसे सभी को लेना भी बेहद जरूरी है।

कोविड टीकाकरण के मामले में बिहार में चौथे स्थान पर है सारण

वेबीनार को संबोधित करते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार शर्मा ने कहा जिले में 16 जनवरी से प्रथम चरण की टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई है। प्रथम चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को कोविशिल्ड का टीका लगाया जा रहा है। फ़िलहाल जिले में रिकवरी रेट 99.9% पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा 6 फरवरी तक प्रथम चरण का टीकाकरण समाप्त हो जाएगा। 6 फरवरी से दूसरा चरण की शुरुआत होगी, जिसमें जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों को टीका लगाया जाएगा। डॉ अजय कुमार शर्मा ने कहा टीकाकरण के मामले में सारण बिहार में चौथे स्थान पर है। जिले में अब तक 64% हेल्थ केयर वर्करों का टीकाकरण किया जा चुका है। कोविड-19 का टीका पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है। जिले में अब तक किसी भी व्यक्ति में टीकाकरण के बाद कोई साइड इफ़ेक्ट देखने को नहीं मिला है। उन्होंने बताया कोविड-19 का टीका गर्भवती महिला, स्तनपान कराने वाली महिला और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और बच्चियों को नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया सारण जिले के लिए सुखद बात है कि एक सप्ताह में एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है और इसके साथ ही संस्थागत आइसोलेशन में एक भी मरीज भर्ती नहीं है। पहला डोज लेने वाले हेल्थ केयर वर्करों का फॉलोअप किया जा रहा है और इसके साथ ही उन्हें प्रेरित किया जा रहा है कि कोविड-19 लेने के बाद भी कोविड-19 अनुरूप व्यवहारों का पालन करना आवश्यक है। इसलिए फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों की धुलाई जैसे नियमों का पालन करते रहना आवश्यक है। डॉ. शर्मा ने कहा शुरू में लोगों के मन में टीकाकरण को लेकर जो भय था वह अब खत्म हो गया है। लोग उत्साह के साथ टीकाकरण स्थल पर पहुंचकर अपना टीकाकरण करा रहे हैं।

मीडिया के माध्यम से कोविड-19 करण समुदाय को जागरूक

सेंटर फोर एडवोकेसी एंड रिसर्च के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक गणपत आर्यन ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा सारण में कोविड-19 वैक्सीन को लेकर समुदाय स्तर पर कार्य किया जा रहा है। समुदायस्तर पर स्टोरी के माध्यम से टीकाकरण को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है और इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के तमाम गतिविधियों और सुविधाओं को मीडिया के माध्यम से जनमानस तक पहुंचाने का कार्य सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा एक नई पहल की शुरुआत करते हुए सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के द्वारा जिले में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। अभी तक 5 जगहों पर नुक्कड़ नाटक किया जा चुका है आगे भी नुक्कड़ नाटक का मंचन किया जाएगा ताकि टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में जो भ्रांति है उसे दूर किया जा सके। उन्होंने बताया वैसे व्यक्ति जो कोविड-19 का टीका ले चुके हैं उनके विचारों को जन समुदाय तक पहुंचाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग टीकाकरण को लेकर जागरूक हो सके और इस मुहिम का हिस्सा बन सके।