बिहार के 58 लाख परिवारों को मिलेगा 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा, कैबिनेट में 35 एजेंडों पर लगी मुहर

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पटना: विधानसभा सत्र के दौरान राज्य कैबिनेट की बैठक की गई. इस बैठक में बीते मंगलवार (20 फरवरी) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कुल 35 एजेंडों पर मुहर लगी है. इस बैठक में सबसे बड़ा निर्णय बिहार वासियों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा देने का है. भारत सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ के तर्ज पर बिहार सरकार अपने संसाधन से पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देगी. इससे करीब 58 लाख परिवारों को फायदा होगा.

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कैशलेस होगी सुविधा

मंत्री परिषद में स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना से वंचित परिवारों को राज्य सरकार अपने संसाधन से पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देगी. पांच लाख रुपये का यह बीमा कैशलेस होगा. केंद्र की योजना के तर्ज पर इस योजना से चयनित अस्पतालों में मरीज अपना इलाज करा सकेंगे. बिहार में ऐसे करीब 58 लाख वे परिवार हैं जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में आते हैं और जिन्हें योजना के तहत पांच किलो सब्सिडी वाली खाद्य सामग्री के अलावा पांच किलोग्राम मुफ्त अनाज दिया जाता है.

इस योजना में केंद्र सरकार का कोई अंश नहीं होगा. इस योजना का लाभ आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 से मिलने लगेगा. भारत सरकार के आयुष्मान भारत योजना के तहत बिहार के एक करोड़ 9 लाख लोगों को जोड़ा गया था. राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र में इसे संशोधित करके एक करोड़ 21 लाख परिवार को जोड़ दिया है. अभी वर्तमान में बिहार में एक करोड़ 79 लाख ऐसे परिवार हैं जो राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम के दायरे में आते हैं. इसको देखते हुए अभी भी 58 लाख परिवार आयुष्मान भारत योजना से वंचित रह गए थे.

किसी कॉलेज में नहीं होगी इंटरमीडिएट की पढ़ाई

वहीं दूसरी ओर अब राज्य के किसी भी कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं होगी. पहले पटना विश्वविद्यालय में इंटर की पढ़ाई बंद की गई थी, लेकिन अन्य विश्वविद्यालय में इसकी पढ़ाई हो रही थी. अब सभी विश्वविद्यालय में इस पर रोक लगा दी गई है. इंटर इंटरमीडिएट की पढ़ाई 10+2 स्कूलों में ही होगी.

राज्य कैबिनेट की बैठक में राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में 40506 प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता भी साफ कर दिया गया है. इन शिक्षकों की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी. इसके अलावा 176 ओपी (आउट पोस्ट) को थाना में बदलने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है. ये आउट पोस्ट (5 पुलिसकर्मी वाले हैं) अब थाना की तरह काम करने लगेंगे.