✍️परवेज़ अख्तर/एडिटर इन चीफ:
शहर से लेकर गांवों में घूम रहे आवारा जानवर इन दिनों खतरनाक हो गए हैं। कब बंदर, कुत्ता कब उग्र हो जाएं यह कहना मुश्किल है। हालात ऐसे हो गए हैं कि शाम होते ही और सड़कों पर अंधेरा पसरते ही लोग इन जानवरों के शिकार हो रहे हैं। जख्मी लोग सदर अस्पताल में इलाज के लिए प्रतिदिन आ रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो करीब सौ से अधिक पीड़ितों को एंटी रैबीज की सुई सदर अस्पताल में लगाई जा रही है। इसके लिए लंबी-लंबी लाइन लगी रहती हैं। वहीं शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में घूम रहे जानवरों को पकड़ने की व्यवस्था को लेकर प्रशासन द्वारा कोई तैयारी नहीं की जा रही है।
दो हजार 383 लोगों को लगी फरवरी में रेबीज की वैक्सीन
सदर अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन लेने वालों की भीड़ यह बता रही है कि जिले में इन दिनों कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार बीते माह यानी फरवरी में दो हजार 383 लोगों को एंटी रेबीज का सुई दी गई है। ये सभी एंटी रेबीज वैक्सीन की डोज लेने के लिए सदर अस्पताल पहुंचे। आम लोगों के साथ आए दिन हो रही घटनाओं के बावजूद वन विभाग या स्थानीय प्रशासन इनके प्रति गंभीर नहीं है।
शहर से लेकर गांवों की सड़कों पर इनका कब्जा
बता दें कि शहर के महादेवा रोड में मालवीय चौक, हास्पिटल रोड, चिक टोली मोड़, डीएवी कालेज मोड़, सहित कई मोहल्ले ऐसे हैं जहां रात में सड़कें जब सुनसान हो जाती हैं तो कुत्ते वहां अपना डेरा डाल देते हैं और आने जाने वाले राहगीरों को अपना निशाना बना कर उन्हें काट लेते हैं। हालात सिर्फ शहरी क्षेत्र में ही नहीं बल्कि गांवों में भी भयावह है।
गर्मी में बढ़ जाता है खतरा
शहर में आवारा कुत्ते झुंड में रहते है। गर्मी में आवारा कुत्ते ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं। झुंड में साथ रहते हैं, इसलिए वे लोगों पर अटैक कर देते है। शहर के अलावा आवारा कुत्तों ने आसपास के गांवों में भी आतंक मचा रखा है।