झारखंड में रजिस्ट्रेशन करवाकर बिहार में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

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पटना: झारखंड के रजिस्ट्रेशन पर बिहार में गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई होगी। ऐसे वाहन मालिकों के खिलाफ परिचालन नियमों के उल्लंघन के आरोप में भारी जुर्माना लगाया जाएगा। परिवहन विभाग ने सभी डीटीओ को इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। जल्द ही ऐसे वाहन मालिकों पर कार्रवाई के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।

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बुधवार को विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक में परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि बड़ी संख्या में लोग झारखंड से गाड़ी खरीदने के साथ ही स्थाई रजिस्ट्रेशन भी करा रहे हैं। जबकि दूसरे राज्य के नंबर पर बिहार में गाड़ी चलाना अवैध है। ऐसे वाहन मालिकों पर कार्रवाई की जाएगी। वाहनों के रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस एवं अन्य सुविधाओं के लंबित होने पर संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के लाभुकों के बीच अनुदान की राशि का वितरण कैंप लगा कर होगा। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या में चार गुणा बढ़ोतरी हुई है। लगभग एक वर्ष पूर्व तक राज्य में मात्र 250 वाहन प्रदूषण जांच केंद्र थे जिनकी संख्या एक हजार हो गई है।

एक हजार नए प्रदूषण केंद्र खोले जाएंगे : अगले वर्ष 2021 में 1000 और नए वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाएंगे। आम लोग भी प्रदूषण केंद्रों को चला सकें इसके लिए बिहार मोटर नियमावली, 1992 के नियमों में संशोधन किया गया है। अब इंटर (साइंस) पास व्यक्ति भी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र चला सकते हैं। अब तक जांच केंद्र पर मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या ऑटोमोबाइल अभियंत्रण में डिग्रीधारी या डिप्लोमाधारी को ही यह सुविधा थी। इसका लाइसेंस जिला परिवहन पदाधिकारी देंगे। चलंत प्रदूषण जांच केंद्रों की स्थापना का प्रावधान किया गया है।

एक नजर में जांच केंद्र

  • प्रदूषण जांच केंद्र की अनुज्ञप्ति निर्गत करने के लिए पांच हजार
  • जांच केंद्र की अनुज्ञप्ति की नवीकरण करने के लिए पांच हजार
  • केंद्र की द्वितीयक अनुज्ञप्ति निर्गत करने के लिए एक हजार