बड़हरिया:- बड़हरिया के चुनावी लड़ाई में कौन बच्चा व कौन बहादुर मतगणना के बाद ही कयासों पर लगेगा विराम !

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  • बीत गया चुनाव, जीत के आभास में अब दारू पर दाव, अंदर ही अंदर हो रही जबरदस्त पार्टियां !
  • कहीं खुशी, तो कहीं गम का है माहौल l

आशुतोष श्रीवास्तव/बड़हरिया(सीवान):
चुनावी महादंगल के बीच सभी उम्मीदवारों को खुद के भाग्य मंगल ही मंगल नजर आ रहे थे।कोई कह रहा था मेरे सामने तो कोई है ही नहीं,तो मतदान से पहले कुछ उम्मीदवारों ने खुद को विधानसभा क्षेत्र बड़हरिया का विधायक साबित करने से परहेज नहीं किया।कैमरे पर रोजाना नए बयान सामने आ रहे थे जिन्हें सुनने के बाद ऐसा लग रहा था जैसे हर चेहरा अपने आप में खास है।लेकिन 3 नवंबर को मतदान की प्रक्रिया समाप्ति के बाद जैसे ही अंधेरा कायम हुआ वैसे ही तमाम उम्मीदवारों के चेहरे पर चिंता की काली परछाई छा गई।अगले दिन फिर सुबह हुई लेकिन इन चेहरों से अब तक उस रात की परछाई हटी नही है।हालांकि ऐसी कयास लगाई जा रही है।कि आगामी 10 नवंबर को इस परछाई का भी खात्मा सुनिश्चित है।बताते चलें कि आज से तीसरे  दिन सब कुछ साफ हो जाएगा। वैसे महादंगल के बीच अखाड़े में उतरे उम्मीदवारों को इस बात का अंदाजा हो चुका है कि नतीजे उनके लिए क्या होंगे।

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शायद तभी तो अधिकांश चेहरों पर खास संतुलन का एहसास हो रहा है एक अजीबसी तसल्ली अधिकांश चेहरों पर देखने को मिल रही है जो इस बात की गवाही देने को तैयार है कि बीत गई वो बात गई।मगर इन सबके बीच कुछ एक उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिन्हें नतीजों से पहले जीत का  आभास हो चुका है अब वह चेहरा कौन है यह फिलहाल बताना मुनासिब नहीं है लेकिन इतना जरूर है  की जीत की खुशी सुशासन बाबू की शराबबंदी पर सरेआम चोट मार रही है मतलब आप समझ रहे होंगे।जीत के आभास में दारू पर जबरदस्त दाव है खास समर्थकों के घर जबरदस्त दारू का दम रात भर खुशी बिखेर रही है  मालूम हो कि रोजाना अलग-अलग जगहों पर महफिल का आगाज भी होता है।समर्थकों द्वारा तमाम आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है। जिसका पूरा खर्च नेताजी उठा रहे हैं। लअंदर ही अंदर परिणाम आने से पहले एक बड़ी तैयारी भी की गई है।

हो सकता है जीत के तुरंत बाद रंगीन मंच नई पारी की शुरुआत करेगी।अब इसका मतलब यह नही कि जो हमेशा इस में डूबे रहते हैं बात उन्हीं की हो रही है।यह किरदार नया भी हो सकता है।चुनावी लड़ाई में कौन बच्चा और कौन बहादुर साबित होता है इस पर लोगों की निगाहें टिकी हुई है।क्योंकि  अब तक बाजारों में गरमाई चर्चा को ध्यान में रखते हुए बात करें तो लड़ाई जबरदस्त बताई जा रही है।संभावना ऐसी भी व्यक्त की जा रही है कि सबकी बीमारी आला  तक पहुंच सकती है।बहरहाल चाहे जो हो सिवान जिले के 8 विधानसभा क्षेत्र में बड़हरिया सबसे हॉट सीट माना जा रहा था।

यहां से सूबे के मुखिया श्री नीतीश कुमार के चहेते श्री श्याम बहादुर सिंह तथा महागठबंधन की ओर से भाजपा एमएलसी श्री टुन्ना जी पांडे के सगे भाई श्री बच्चा जी पांडे चुनावीअखाड़े में थे।इसके अलावा इस विधानसभा क्षेत्र से कई दिग्गज निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी-अपनी भाग्य को आजमाने के लिए चुनावी अखाड़े में कूद पड़े थे।लेकिन तेजस्वी व।मोदी लहर में वह दूर दूर तक कहीं दिखाई नहीं दिए। लोगों ने तेजस्वी  व मोदी लहर में उन्हें स्वीकार तक नहीं किया।अब देखना है कि आगामी 10 नवंबर को अपने दम पर आम जनमानस का वोट कितना इकट्ठा किए हैं।यह तो गर्व की बात है।