भगवानपुर हाट: मनुष्य जाति से नहीं अपने कर्मो से महान बनता है – गोविंद जी

0

परवेज अख्तर/सिवान: जिले के भगवानपुर हाट प्रखण्ड के सोनवर्षा गाँव मे चल रहे हनुमत प्राण प्रतिष्ठा सह शतचंडी महायज्ञ में संत श्री गोविन्द जी महाराज ने कथा के तीसरे दिन भागवत कथा में नारद जी के चार जन्मों की कथा सुनाई .महाराज जी ने कहा की कोई भी मनुष्य जाति में जन्म लेने से नही अपने कर्मो से महान बनता हैं . नारद जी ब्रह्मा जी मानस पुत्र हुए पहले जन्म में लेकिन पिता के आज्ञा का उलंघन किये जिसके चलते ब्रह्मा जी ने उन्हें श्राप दिया और दूसरे जन्म में नारद जी गन्धर्व योनि में जन्म लिए और पचास स्त्रियों के स्वामी बने तथा श्रृंगार शास्त्र के ज्ञाता बने.गन्धर्व योनि में देवताओं तथा ऋषियों के श्राप के चलते तीसरे जमन में शुद्र कुल में जन्म हुआ उस जन्म में नारद जी को पांच साल की अवस्था में ही सन्त महात्माओं की सेवा तथा भागवत कथा की प्राप्ति हों जाने ऋषयो के द्वारा श्री कृष्ण मन्त्र भी दीक्षा रूप में प्राप्त हो गया .

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

जब वह बालक अभी पांच साल का ही था की उसकी माँ को सर्प ने काट लिया और वह मर गई .उसके बाद वह बालक मधुवन में जाकर भगवान श्री कृष्ण की तपस्या किया जिसके फल स्वरूप भगवान श्री कृष्ण का दर्शन प्राप्त हुआ.अंत मे वही बालक पुनः चौथे जन्म फिर से ब्रह्मा के मानस पुत्र नारद के रूप में जन्म लिया .तब नारद जी ने अपने पिता श्री ब्रह्मा जी से भगवान श्री कृष्ण की भक्ति करने की अनुमति मांगी ओर कहने लगे की पिता वही है माता वही है मित्र वही है गुरु वही है अपना वही है जो भवसागर से पार लगाने वाले श्री कृष्ण की भक्ति प्रदान करे .

इस अवसर पर गोविन्द जी महाराज ने कहा की कलयुग में पाप कर्म की प्रधानता जैसे जुआ शराब पर नारी गमन ,धन का लोभ ,हिंसा आदि कर्मो की बृद्धि हो जाती है .इसलिये मनुष्य को अपने आत्मा के कल्याण हेतु श्री कृष्ण रूपी जहाज का आश्रय लेना चाहिये क्योंकि कलयुग कृष्ण युग हैं.इस अवसर पर यगाधीश नारायण दास जी महाराज ,यज्ञाचार्य हरेराम शास्त्री ,पूजा समिति के अध्यक्ष मुना जी ,समाजिक कार्यकता भोजपुरी मंच के प्रभारी उमाशंकर साहू , बीरबहादुर ओमप्रकाश जी ,दिवाकर शास्त्री श्री राम जी आदि उपस्तिथ रहे.