दारौंदा: मुखिया पति की हत्या के विरोध में मांझी-बरौली मुख्य पथ जाम, ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

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परवेज अख्तर/सिवान: जिले के दारौंदा थाना क्षेत्र के रुकुंदीपुर पंचायत के मुखिया बबीता देवी के पति धनौता निवासी प्रदीप तिवारी की हत्या बदमाशों ने सोमवार की शाम महाराजगंज थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव स्थित मांझी-बरौली मुख्य पथ पर गोली मारकर कर दी थी। इस घटना के बाद स्वजन एवं ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखने को मिला। घटना से आक्रोशित ग्रामीण मंगलवार की सुबह मांझी-बरौली मुख्य पथ पर बांस-बल्ली बांध जाम कर दिया तथा प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों ने मांझी-बरौली मुख्य पथ पर रुकुंदीपुर के धनौता मोड़ के समीप पेड़ को गिराकर बांस बल्ली से घेरकर आगजनी करते हुए एसपी को बुलाने एवं बदमारशों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। इस दौरान आने जाने वाले यात्रियों एवं वाहनों को काफी परेशानियों से जूझना पड़ा। सूचना पर पहुंचे एसडीओ संजय कुमार, एसडीपीओ पोलस्त कुमार, महाराजगंज इंस्पेक्टर बालेश्वर राय, बीडीओ दिनेश कुमार सिंह, सीओ दीनानाथ कुमार एवं गणमान्य लोगों ने आक्रोशित ग्रामीणों को बदमाशों की शीघ्र गिरफ्तार करने का आश्वासन देकर जाम हटाया। सड़क जाम सुबह सात बजे से 12 बजे तक रहा। इस कारण कुछ राहगीर पगडंडी के रास्ते अपने गंतव्य स्थल को जाने को विवश हुए।

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स्वजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन, मुखिया को संभाल रही थी महिलाएं :

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प्रदीप तिवारी का शव जैसे ही पोस्टमार्टम के बाद गांव पहुंचा स्वजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया। वहीं मुखिया बबीता देवी अपने पति के वियोग में बार-बार बेहोश हो जा रही थीं। उन्हें आसपास की महिलाएं संभाल रही थीं। मृत प्रदीप तिवारी की मां दुर्गा देवी, पुत्र अभिनव तिवारी, राहुल तिवारी समेत अन्य स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। आसपास के लोग स्वजनों को किसी तरह संभाल तथा ढाढ़स बंधा रहे थे।

मुखिया ने थाने में आवेदन देकर लगाई थी सुरक्षा की गुहार :

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रुकुदीपुर पंचायत के मुखिया बबीता देवी ने 29 अक्टूबर को दारौंदा थाना में आवेदन देकर सुरक्षा की गुहार लगाई गई थी। मुखिया के स्वजन धुव्र तिवारी का कहना था कि पुलिस पदाधिकारी को जब बदमाशों द्वारा धमकी मिलने पर आवेदन देने पर कोई सक्रियता नहीं दिखाई गईं। इस कारण एक अच्छे सामाजिक कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इससे बदमाशों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। अगर पुलिस उस बदमाश को पकड़ने का प्रयास करती तो प्रदीप तिवारी की हत्या नहीं होती।

गिरफ्तारी नहीं होने पर मुखिया संघ देगा धरना :

यदि पुलिस बदमाशों को शीघ्र गिरफ्तार नहीं करती है तो मुखिया संघ एसपी कार्यालय के समक्ष शांति पूर्वक धरना प्रदर्शन करेगा। यह जानकारी देते हुए जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष अजय भास्कर चौहान एवं संघ के प्रखंड अध्यक्ष निरंजन सिंह ने कहा कि जिला में कई ऐसे मुखिया हैं जिन्हें बदमाशों द्वारा धमकी मिली हुई है। बहुत मुखिया आवेदन थाने में देते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है। इसके लिए मुखिया संघ एक जुट होकर लड़ाई लड़ेगा।

बदमाशों की गिरफ्तारी को ले एसआइटी का गठित

प्रदीप हत्याकांड में बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी टीम का गठन इंस्पेक्टर बालेश्वर राय के नेतृत्व में किया गया है। इसमें दारौंदा, महाराजगंज, भगवानपुर हाट, गोरेयाकोठी, जीबी नगर समेत कई थानों के अधिकारी शामिल किए गए हैं। एसडीपीओ पोलस्त कुमार ने बताया कि बदमाशों को शीघ्र गिरफ्तारी के लिए मोबाइल से लेकर सभी गतिविधियों पर पुलिस गहराई से जांच करने में जुटी हुई है। एसडीपीओ जब मृत प्रदीप तिवारी के घर पहुंचे तो स्वजन आवेदन देने पर पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं होने पर हत्या की बात कही। इस पर उन्होंने आश्वासन दिया कि थानाध्यक्ष पर जांच कर कार्रवाई के लिए एसपी को भेजा जा रहा है। इस मामले में जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी। वहीं विधायक कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह, प्रमुख विनय कुमार सिंह, भाजपा नेता जितेंद्र स्वामी, जदयू नेता अजय सिंह, राजद नेता मुन्ना शाही, जिला परिषद धर्मेंद्र यादव आदि ने मुखिया के स्वजनों को ढाढ़स बंधाया तथा पुलिस प्रशासन से आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग की।

35 वर्ष पूर्व दादा की हत्या हुई थी :

ग्रामीणों ने बताया कि इस परिवार में 35 वर्ष पूर्व मृतक के दादा शिवजनक तिवारी की हत्या घर में डकैती के दौरान बम मारकर कर दी गई थी। इस परिवार में यह दूसरी सबसे बड़ी हत्या की घटना हैं। वृद्ध ग्रामीणों का कहना था कि तीन बार डकैती का असफल प्रयास के बाद चौथी बार बदमाशों ने प्रदीप तिवारी के दादा की बम मारकर हत्या कर दी थी।