रंगदारी मामले में चार माह में दूसरे ठेकेदार की हुई हत्या

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परवेज अख्तर/सिवान : वर्तमान समय में जिस तरह से पेटी कांट्रेक्टर को निशाना बनाया जा रहा है उसका असर कहीं ना कहीं जिले के विकास के लिए चल रही योजनाओं पर भी पड़ने लगा है। पिछले चार महीने में दो पेटी कांट्रेक्टर की गोली मारकर सरेआम हत्या कर दी गई और अपराधी बेखौफ हैं। पुलिस के खुफिया तंत्र में चूक का ही नतीजा है कि आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद अपराधी आसानी से फरार हो जा रहे हैं। रविवार की शाम सरेआम अपराधियों द्वारा दौड़ाकर हाजिपुर निवासी सुमित तिवारी की हत्या किए जाने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। इस घटना के बाद जिले के छोटे मोटे पेटी कांट्रेक्टर अब सरकारी विभागों में कराए जाने वाले निर्माण कार्यों की काम कराने से कतरा रहे हैं। कुछ पेटी कांट्रेक्टरों का कहना था कि जब कोई सरकार की योजना आती है तो उसमें हाथ डालने से पहले हमलोगों के जहन में यह बात जरूर रहती है कि कहीं हमें किसी लेवी का शिकार ना बनना पड़े। इसलिए छोटे काम को करा हमलोग अपना जीवन यापन कर लेते हैं। बता दें कि 5 सितंबर 2018 को बगौरा- सेमरी मुख्य पथ पर एमएच नगर थाना क्षेत्र के गुरुजवा जलालपुर गांव के समीप उपस्वास्थ्य केंद्र में पेंट करा रहे ठेकेदार सह दारौंदा थाना क्षेत्र के बगौरा निवासी इश्तेयाक अहमद उर्फ मुन्ना अहमद की साइट पर जाने के दौरान अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके पहले अपराधियों ने रंगदारी में रुपये देने की मांग की थी। मुन्ना अहमद के पिता सेराजुदीन अहमद की भी हत्या पड़ोसियों ने 30 अप्रैल 2006 को तेज हथियार से हमला कर की थी।rangdari me htya

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ठेकेदार की हत्या के सारण प्रमंडल के कर्मचारियों व मजदूरों में दहशत, कार्य ठप, पसरा सन्नाटा

सराय ओपी क्षेत्र के पड़ौली नहर में रविवार को कंस्ट्रक्शन कंपनी में लेबर सप्लाई कर रहे ठेकेदार सुमित तिवारी को गोली मारकर हत्या कर दी जाने के बाद सोमवार को कंपनी का कार्य बंद रहा। सभी मजदूरों ने सुरक्षा को नाकामी बताया, जबकि दारौंदा थाना क्षेत्र के पुलिस कल रविवार से ही घटनास्थल पर कैंप की हुई है। सोमवार की अल सुबह पुलिस अधीक्षक नवीन चंद्र झा, एएसपी कांतेश मिश्रा, दारौंदा थानाध्यक्ष मनोज कुमार प्रभाकर, पचरुखी थाना पहुंचे, जहां थाना प्रभारी अमित कुमार सिंह, सराय प्रभारी राकेश कुमार शर्मा से पूछताछ के दौरान जल्द ही मामले का उद्भेदन करने का निर्देश दिया। मुफस्सिल इंस्पेक्टर अनिरुद्ध प्रसाद समेत काफी संख्या में पुलिस बल तैनात थे। पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए संदेहास्पद ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। ज्ञात हो कि कमलादित्य कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के मजदूर ठेकेदार सुमित तिवारी की हत्या के बाद सभी मजदूर काम छोड़कर अपने घर चले गए, जो मजदूर नहीं गए उन मजदूरों में हत्या कांड की दहशत लोगों के चेहरे पर दिखाई दे रही है। वे काम पर सोमवार को भी नहीं गए। कमलादित्य कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों ने बताया कि दारौंदा, पचरुखी, मैरवा, एकमा, सिवान, महाराजगंज, छपरा, भोरे, मीरगंज, गोपालगंज आदि सारण प्रमंडल के बीस से अधिक जगहों पर नहर का कार्य चल रहा था। जैसे ही रविवार को मजदूर ठेकेदार सुमित तिवारी की गोलीमार कर हत्या करने की सूचना मिली सभी कर्मचारियों एवं मजदूरों में दहशत व्याप्त हो गया,चूंकि इस सारण प्रमंडल में जितने जगह कार्य चल रहे थे सभी जगह ठेकेदार सुमित तिवारी का ही मजदूर काम कर रहे थे। जैसे इनकी हत्या की सूचना मिली मजदूर जैसे-तैसे काम छोड़कर घर के लिए रवाना हो गए। कर्मियों ने बताया कि मजदूरों को काम पर भेजने का प्रयास किया गया, परंतु कोई मजदूर काम करने नहीं पहुंच पाए, जिसके कारण पूरे सारण प्रमंडल में काम काज ठप हो गया। ट्रक, माल ढोने वाली मशीन, चालक, खलासी सभी गाड़ियों को खड़ी कर दिए हैं। कर्मियों ने बताया कि पुलिस अगर सक्रिय रहती तो निश्चित रूप से घटना नही होती। इधर दारौंदा गंडक परिसर में हत्या के दूसरे दिन सोमवार को भी अपराधियों का दहशत कायम था। दबी हुई जुबान से अपराधियों का बढ़ते मनोबल को कहते वहीं पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। कर्मचारियों ने बताया कि जबतक इस मामले का खौफ मजदूरों या कर्मचारियों से नहीं हटेगा तबतक यहां काम काज ठप रहेगा। जब कर्मचारियों एवं मजदूरों में काम करने का माहौल बनेगा तभी कर्मियों या मजदूर काम पर वापस नहीं जाएंगे।