हुसैनगंज: कौमी एकता के प्रतीक मौलाना मजहरूलहक के मझीले पोते मो. अब्दुल्ला हुसेन फारूकी का निधन

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✍️परवेज़ अख्तर/सिवान:
हुसैनगंज थाना क्षेत्र के रमना फरीदपुर के स्वतंत्रता सेनानी व कौमी एकता के प्रतीक मौलाना मजहरूलहक के मझीले पोते मो.अब्दुल्ला हुसेन फारूकी उम्र लगभग 65 वर्ष की निधन रविवार को पटना में हो गई.मिली जानकारी के अनुसार मो. अब्दुल्ला बिमार चल रहे थे.उनका ईलाज प्राईवेट अस्पताल पटना में चल रहा था. रविवार को प्रातः काल में वह अंतिम सांस लिये.उनके निधन की खबर सुनते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी.उनके दिवंगत आत्मा की शांति के लिए क्षेत्र के लोगों ने ईश्वर से प्रार्थना की है. वहीं उनके शव को पटना से रविवार को शाम में उनके उनके पैतृक निवास रमना फरीदपुर में लाया गया था.सोमवार को सुबह में उनके शव को उनके दादा मौलाना मजहरूलहक के मजार के सटे पश्चिम दिशा में सुपुर्दे खाक सह अंतिम संस्कार कर दिया गया.इस अवसर पर स्थानीय बीडीओ राकेश कुमार चौबे, सीओ सुनिल कुमार, प्रमुख प्रतिनिधि रिजवान अहमद, वारिस अली फारुकी,अंचल नाजिर हसमत अली तथा उनके परिजन व सगे संबंधियों सहित सौकडो़ं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

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मृतक के परिजनों ने बताया है कि मो.अब्दुल्ला पटना में सरकारी आवास में अपने समस्त परिवार के साथ रहते थे. वह सुगर की बिमारी से पीड़ित थे.उनका ईलाज पूर्व से ही चल रहा था.वहीं उनका लगाव अपने फरीदपुर आशियाना से भी बहुत रहता था. किसी भी कार्यक्रम में वह अपने आशियाना पर उपस्थित रहते थे.वह बहुत ही सामाजिक व्यक्ति थे.उन्होंने बताया कि आशियाना फरीदपुर में जब प्रतिवर्ष दादा मौलाना मजहरूलहक साहब के मजार पर बिहार सरकार व प्रशासन के द्वारा चादर पोशी और श्रद्धांजलि अर्पित की जाती थी तो अब्दुल्ला उसमें मुख्य भूमिका निभाते थे.अब चाहने वालों की उनकी कमी बहुत खलेगी.अब्दुल्ला के 4 पुत्र व 1 पुत्री है. 3 पुत्रों की विवाह हो चुकी है.1 पुत्र अविवाहित है.वहीं पुत्री भी अविवाहित है.अब उनके परिवार सभी जिम्मेदारी उनके बड़े पुत्र शादाब हुसेन पर रहेगी.