महाराजगंज: चिंतन की नहीं बल्कि जीने की भाषा है भोजपुरी

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परवेज अख्तर/सिवान: जिले के महाराजगंज थाना रोड स्थित एक मैरेज हाल में रविवार को हरिशंकर आशीष की अध्यक्षता में भोजपुरी संगठन की बैठक हुई। बैठक में भोजपुरी के विकास विस्तार पर चर्चा हुई। आशीष ने मातृभाषा भोजपुरी के घटते लोकप्रियता पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कोई भी क्षेत्र अपनी मातृ भाषा में अपनी विश्वसनीयता कायम करने से ही विकसित होता है। कहा कि भोजपुरी चिंतन की नहीं बल्कि जीने की भाषा है। इसमें वह ताकत है जिसके माध्यम से एक ही शब्द को अलग-अलग अर्थों में व्यक्त किया जा सकता है। आज भोजपुरी संगठन को मजबूत करने के लिए जन आंदोलन की आवश्यकता है।

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इसके लिए गांव-गांव के युवा पीढ़ी को आगे आना होगा। वहीं सदस्य बनाने के लिए महाराजगंज में कार्यालय तथा महाराजगंज प्रखंड के 16 पंचायत में सदस्यता अभियान चलाने एवं उसके विस्तार पर चर्चा हुई। इस अवसर पर भोजपुरी भाषा के उत्थान और आगामी भोजपुरी महोत्सव को सफल बनाने भी चर्चा की गई। कहा कि महाराजगंज और सारण की भूमि में भोजपुरी भाषा का सुगंध आज भी है। बस हमें उसके निखार करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर उमाशंकर साह, कैप्टन बीके सिंह, मुनमुन सिंह, वकील प्रसाद, दिलीप कुमार सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता सह भाजपा नेता अंगद महाराज, पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष दिनेश साह, मानवेंद्र कुमार अभय, धर्मेंद्र उपाध्याय, राजेश प्रसाद, दिलीप कुमार सिंह, रमेश उपाध्याय आदि उपस्थित थे।