छात्रों के ऊपर दमनकारी कार्रवाई याद दिला रही इमरजेंसी की. पूर्व राज्यसभा सांसद

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panch diwasiya karyakaram

पूर्व राज्य सभा सांसद ने एनआरसी व सीएए वापस लेने की मांग

संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में निकले जन मार्च में हुये शामिल

राजद नेत्री हेना शहाब ने कहा, सीएए का कानून पूरी दुनिया में भारत को अलग-थलग करने वाला

परवेज अख्तर/सिवान:- संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए काले कानून नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ में सीवान की जनता ने हजारों की संख्या में सड़कों पर आकर जन मार्च निकाला. मार्च का आरंभ राजेंद्र स्टेडियम के मेन गेट से किया गया. मार्च को आरंभ बिंदु पर राज्यसभा के पूर्व सांसद अली अनवर ने संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों के ऊपर जो मोदी सरकार दमनकारी क्रिया कर रही है जो इमरजेंसी की याद दिलाती है. यहां लोकतांत्रिक तरीके से हर आदमी को अपनी बात कहने का अधिकार है और इस तरह की दमनकारी नीति बताती है कि मोदी सरकार अब पूरी तरह से हार चुकी है और वह गुंडे बदमाशों के ऊपर अब अपनी राजनीति कर रही है. केंद्र को इस काले कानून को किसी भी हालत में अब वापस लेना ही पड़ेगा. जन मार्च राजेंद्र स्टेडियम से निकल कर के बाटा मोड़ होते हुए पटेल चौक पर एक जनसभा में परिवर्तित हो गया. सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवधारी दुबे ने किया. अपने संबोधन में राजद नेत्री हेना शहाब ने कहा कि केंद्र की सरकार दिल्ली में और योगी की सरकार यूपी में छात्रों और नागरिकों पर गोली चला रही है. यह लोकतंत्र की मर्यादा के खिलाफ है क्या केंद्र की सरकार अपने नागरिकों को अपने प्रदर्शन के अधिकार से भी वंचित रखना चाहती है. निश्चित रूप से यदि मोदी जी के कथनी में जरा भी सत्यता है तो उन्हें संसद में आकर के देश की जनता के सामने यह बात स्पष्ट करनी चाहिए कि सरकार एनआरसी नहीं ला रही है. यह सीएए का कानून पूरी दुनिया में भारत को अलग-थलग करने वाला कानून बनाया संविधान के खिलाफ बनाया गया कानून है. इसे भी हर हालत में सरकार को वापस लेना होगा. सभा को कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विद्यु शेखर पांडे ने कहा कि यह धार्मिक रूप से विभाजन करने वाली सरकार है और मुसलमानों को केवल इसलिए छोड़ा गया है कि यह देश के हिंदू बहु मतों के ऊपर अपना एकाधिकार चाहती है परंतु यह सरकार फंस गई है और हिंदू मुसलमान एकजुट होकर के इस कानून के खिलाफ लड़ रहे हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता एसएम फजले हक ने अपने संबोधन में कहा कि यह आरएसएस के विदाई का समय है यह वहीं आरएसएस है जो अंग्रेजों की मुखबिरी करते थे. भारत की आजादी के आंदोलन को कमजोर करते थे और आज छात्रों के ऊपर जो जेएनयू में दमनकारी कार्य हुआ है वह घोर निंदनीय है. यह लोग जो कि आजादी के पूर्व देश के गद्दारों के लिस्ट में मौजूद थे. आज देश को राष्ट्रवाद सिखा रहे हैं. आज देश इनकी आदत को समझ चुका है और हिंदू-मुस्लिम एकता अपनी चट्टानी एकता का परिचय दे रहा है. डॉक्टर एहतेशाम अहमद ने संबोधित करते हुए कहा कि सीएए कानून को ले आसाम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल खुद बगावत पर उतर चुके हैं. वह खुलेआम ट्वीट करके कह रहे हैं कि किसी भी विदेशी को आसाम की धरती पर बसने नहीं देंगे. यह नागरिकता संशोधन आसाम की 16 लाख नागरिकों को नागरिकता देने के लिए ही लाया गया था. अब जबकि उनकी सरकार के मुख्यमंत्री ही इसके खिलाफ हैं तो इस कानून का कोई मतलब नहीं रह जाता है. यदि मोदी में हिम्मत है तो वह सर्वानंद सोनवाल को बर्खास्त करें या स्वयं नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दें. सभा को संबोधित करते हुए नेमत खान ने कहा कि छात्र नौजवान पूरे देश में सड़कों पर हैं और जब युवा शक्ति सड़कों पर होती है तो संसद का डोलना तय होता है. सभा में सनाउल्ला खान, दरोगा खान, पप्पू चमार, शादाब कौशर अली, रफीक अहमद, इम्तियाज अहमद, रिजवान अहमद, भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष दीपक सम्राट ने कहा कि यह सरकार लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाने वालों को पसंद नहीं करती और यही कारण है कि चंद्रशेखर को इस सरकार ने आंदोलन करने के कारण बंद करके रखा हुआ है और गैर मानवीय स्थिति में उनकी बीमारी में भी उसे अस्पताल की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. पूरा देश अंबेडकर के संविधान के साथ खड़ा है. पूरा देश जब साथ खड़ा हो तो कोई भी सरकार हो उसका उखड़ जाना निश्चित होता है. सभा में अफजाल इकबाल सना, जुबेर आशिम रिजवी, इंजीनियर मिसबाउल हक, कबीर अहमद ने प्रमुख रूप से भाग लिया.

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