सिवान: जयकारे के साथ हुई मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन

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  • खोईंचा देकर नम आंखों से मां दुर्गा की विदाई, दाहा नदी में प्रतिमाएं विसर्जित
  • विसर्जन के साथ नौ दिवसीय दुर्गोत्सव का समापन
  • विसर्जित करने से पूर्व आरती-पूजा की जा रही थी

परवेज अख्तर/सिवान: शहर में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन की धूम पूरे दिन बनी रही। इसके साथ ही नौ दिवसीय दुर्गोत्सव का समापन रविवार को हो गया। पंद्रह अखाड़ा व सात पूजा पंडाल समेत अन्य मूर्तियों का विसर्जन रविवार को विधि-विधान के साथ दाहा नदी के विभिन्न घाटों पर किया गया। सबसे अधिक प्रतिमाएं दाहा नदी पुलवा घाट में विसर्जित की गईं। वहीं कई प्रतिमाएं श्रीनगर घाट, महादेवा घाट व श्मशान घाट दाहा नदी में की गईं। माता रानी का जय-जयकार लगाते हुए नम आंखों से भक्तों ने मां दुर्गा को विदाई दी। मां दुर्गा समेत अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं विसर्जित करने से पूर्व उनकी आरती-पूजा की जा रही थी। प्रतिमा विसर्जन को लेकर दाहा नदी के विभिन्न घाटों पर मेला सा दृश्य हो चला था। सबसे अधिक गहमागहमी दाहा नदी पुलवा घाट पर बनी रही। युवाओं की टोली नदी में उतर कर प्रतिमाएं विसर्जित कर रही थीं। नदी में पहले से ही मौजूद टोली इस कार्य में विसर्जन करने वालों का सहयोग कर रही थी। इधर, पारंपरिक रूप से मां दुर्गा को खोईंचा देने के बाद महिलाओं ने उनका आर्शीवाद लिया। इसके बाद मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन जुलूस निकाला गया। सुबह 11 बजे से प्रतिमा विसर्जित करने लोग दाहा नदी पुलवा घाट पर पहुंचने लगे थे। हालांकि गाजे-बाजे के साथ विधिवत रूप से दोपहर दो बजे के बाद क्रमवार प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हुआ। सबसे पहले मूर्ति नंबर एक, फिर अखाड़ा नंबर एक मखदुम सराय, दो धर्मसभा व अखाड़ा नंबर 3 सोनार टोली की प्रतिमा विसर्जन के लिए दाहा नदी पुलवा घाट लाई गईं। विसर्जन जुलूस में जहां युवाओं की टोली जय हो-जय हो का नारा लगा रही थी, वहीं मां दुर्गा के गीत-संगीत भी गूंज रहे थे।

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वाहन की जगह पैदल ही पहुंच रहे थे विसर्जन करने

प्रतिमा विसर्जन के दौरान प्रशासनिक निर्देश का पालन होता नहीं दिखा। प्रतिमा विसर्जन जुलूस में अत्यधिक 50 लोगों के शामिल होने व सभी के पैदल की जगह वाहन पर विसर्जन के लिए जाने की अनदेखी होती रही। जिन वाहनों पर प्रतिमाएं विसर्जन के लिए ले जाईं जा रही थी उनमें छोटे-छोटे बच्चे ही सवार थे। पूजा समिति समेत अन्य लोग पैदल ही चल रहे थे। प्रतिमा विसर्जन के दौरान नदी घाट पर भी कोरोना गाइड लाइन या प्रशासन के अन्य निर्देशों का पालन होता नहीं दिखा। श्रद्धालु न तो सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे थे न मास्क लगाए हुए थे। घाट पर प्रशासन की तरफ से भी सुरक्षा का कहीं कोई इंतजाम नहीं दिखा।

जगह-जगह लोग एकत्र हो देख रहे थे प्रतिमाएं

शहर में मां दुर्गा के प्रतिमा विसर्जन के दौरान संपूर्ण माहौल भक्तिमय हो चला था। जगह-जगह जुट कर लोग विसर्जन जुलूस देख रहे थे। शहर के शांति वट वृक्ष, थाना रोड, दरबार रोड, जेपी चौक व नदी तट पर एकत्र होकर लोग विसर्जन के लिए ले जाई जा रहीं मां दुर्गा की प्रतिमाओं का दर्शन कर रहे थे। इनमें महिलाओं व लड़कियां भी शामिल थीं। जैसे ही कोई अखाड़ा थाना मोड़ से होकर दरबार रोड के रास्ते जेपी चौक की तरफ बढ़ता डिवाइडर पर भी लोग खड़े हो जाते थे। भक्ति गीतों पर पूजा समिति के सदस्यों का जयकारा लगाता देख मेला देखने आए लोग भी उत्साहित होकर मां भवानी की जय-जयकार करने लग रहे थे।