सिवान: लॉकडाउन को लेकर मस्जिदों में नहीं, घरों में अदा की गई ईद-उल-फितर की नमाज

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परवेज अख्तर/सिवान: मुस्लिम समाज का पवित्र त्योहार ईद उल फितर शुक्रवार को भाईचारे के साथ सादगी से मनाया गया. न हाथ मिलाए न गले मिले. दो गज दूर से एक दूजे को मुबारकबाद देते हुए घरो में नमाज अदा कर घर-घर में कोरोना के खात्मे और वतन में अमन-चैन की दुआ की. लॉकडाउन के चलते समुदाय के लोगों ने अपने घरों पर नमाज अदा कर खीर और सेवइयां बनाकर पर्व की खुशिया मनाई. ईद पर रोजेदारों ने महिलाओं व बच्चों के साथ नए कपड़े पहनकर ईद की विशेष नमाज अदा की और अमन-चैन के साथ सभी के लिए खुशियों की दुआ मांगी. वही दूसरी और गुरुवार की शाम चांद दिखने के बाद लोगों ने एक-दूसरे को हाथ जोड़कर ईद की मुबारकबाद दी. वहीं, कोरोना और लॉकडाउन का असर ईद की नमाज पर भी दिखा. जहां हर साल मस्जिदों में सफ में नमाज पढ़ी जाती थी, जगह कम पड़ने पर नमाजु मस्जिद के बाहर सड़क किनारे नमाज पढ़ते दिखाई देते थे.

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हर तरफ सफेद कुर्ता-पाजामा और सिर पर टोपी लगाए नमाजी नजर आते थे. आस-पास इत्र की खुशबू फैल जाती थी. लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से ऐसा नहीं दिखा. ईद की नमाज पढ़ने के लिए पूरे साल इंतजार होता है. लेकिन देश में लॉकडाउन लागू हैं और मस्जिदों समेत तमाम धार्मिक स्थल बंद हैं. इसीलिए मुस्लिम समुदायक के लोगों ने अपने-अपने घरों में ईद के बदले चार रेकात नमाज नफील पढ़ी गई. अनुमडंल मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शांति व सौहार्द के साथ अकीदत से घरों में नमाज संपन्न हुई. लॉकडाउन के चलते मस्जिदों की जगह पर लोगों ने घरों में नमाज अदा की. वहीं मस्जिदों में एक से तीन लोगों ने ही नमाज पढ़ी. नमाज के बाद मुल्क में शांति, सौहार्द, मुल्क, की तरक्की व भाईचारा रखने, कोरोना महामारी को दूर करने की दुआएं मांगी गई. ईद को लेकर पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा. अधिकारी खुद जायजा लेते रहे.

शुक्रवार को ईद की नमाज के चलते लोग सुबह से ही नमाज की तैयारियों में लगे थे. लॉकडाउन के चलते शुक्रवार को ईद के मौके पर ईदगाह व मस्जिदों में सामूहिक नमाज की इजाजत प्रशासन द्वारा नहीं दिये जाने के कारण केवल प्रतीकात्मक रूप से तीन-चार लोगों ने ईद की नमाज अदा की. ईद के चलते प्रशासन सख्त था कि मस्जिदों में भीड़ न बढ़ जाए, इसके लिए शहर के विभिन्न मस्जिदों के मौलानाओं ने अपने अपने घरों में नमाज पढ़ने के लिए पहले से ही एलान कर रखा था. जिसका असर शुक्रवार की सुबह नजर आया. लोगों ने घरों में ही सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए ईद के नमाज के बदले चार रेकात नफील नमाज अदा कर कोरोना बीमारी के खात्मे और हिन्दुस्तान की तरक्की के लिए दुआ की. इसके पूर्व गुरुवार की शाम शहर के शाही जामा मस्जिद, नई मस्जिद, रामापाली मस्जिद, टेघडा मस्जिद, सिकंदरपुर मस्जिद, बेलदारी टोला मस्जिद सहित कई मस्जिदों में एतकाफ पर बैठे लोगों को कमेटी द्वारा अभिनंदन कर घर विदा किया गया. यह लोग पिछले दस दिन से मस्जिद म़ें बैठकर शहर की खुशहाली व भलाई के लिए दिन-रात इबादत में जुटे हुए थे.