सीवान: दो दिवसीय किसान मेला सह कृषि प्रदर्शनी का हुआ शुभारंभ

0
kishan

✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ
शहर के गोपालगंज मोड़ स्थित जिला कृषि कार्यालय परिसर में सोमवार को कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधक अभिकरण (आत्मा) के सौजन्य से दो दिवसीय किसान मेला सह कृषि प्रदर्शनी का आगाज हुआ। अपर कृषि निदेशक धनंजय पति त्रिपाठी, उप विकास आयुक्त भूपेंद्र प्रसाद यादव, जिला परिषद अध्यक्ष संगीता यादव, जिला कृषि पदाधिकारी जयराम पाल, कृषि विज्ञान केंद्र की कार्यक्रम समन्वयक डा. अनुराधा रंजन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किसान मेला सह कृषि प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में उद्यान विभाग व आत्मा की ओर से करीब दो दर्जन से अधिक स्टाल लगाए गए थे।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2022-08-26 at 8.35.34 PM
WhatsApp Image 2022-09-15 at 8.17.37 PM
20230302_203826 (1) (1)-compressed

इस दौरान फल-फूल, सब्जी एवं प्रसंस्कृत उत्पादों की प्रदर्शनी, नवीतम कृषि यंत्रों का जीवंत प्रदर्शन, ड्रीप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक का प्रदर्शन, मल्चिंग एवं बायोफ्लाक तकनीक से खेती का जीवंत प्रदर्शन, उन्नत नस्ल की बकरी का प्रदर्शन, जैविक कृषि उत्पादों की प्रदर्शनी के साथ-साथ कृषि विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी परिचर्चा की गई। वहीं किसान मेला सह प्रदर्शनी में जिले भर से आए किसानों को किसानों को उन्नत खेती के संबंध में जानकारी दी गई। साथ ही नैनों यूरिया सहित कृषि यंत्रों की खरीदारी अनुदानित दर पर करने व मृदा हेल्थ कार्ड की भी जानकारी दी गई।

डीडीसी ने कहा कि किसान मेला सह कृषि प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीक से कृषि को बढ़ावा देना है। इस तरह के कार्यक्रमों से किसानों को आधुनिक तकनीक से खेती में वृद्धि हाेगी। साथ ही कम लागत में अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं। अपर कृषि निदेशक धनंजय पति त्रिपाठी ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ सिंचाई के नए-नए साधनों जैसे ड्रिप सिंचाई, स्प्रिकलर सिंचाई एवं जलवायु अनुकूल कृषि को अपनाने की बात कही। मौके पर आत्मा के उप परियोजना निदेशक कालीकांत चौधरी, सहायक निदेशक उद्यान अभिजीत कुमार, आलोक कुमार, सदर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी शत्रुघ्न साहू, महाराजगंज अनुमंडल कृषि पदाधिकारी मुस्तफा अंसारी, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण सुशील कुमार सिंह, राम मनोहर कुमार, मनोहर प्रसाद, कृषि सलाहकार व समन्वयक सहित काफी संख्या में किसान माैजूद थे।