परवेज अख्तर/सिवान: जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार मालिक की अदालत ने गुरुवार को सगे भांजे की हत्या के आरोप में उसके मामा को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास दी। अभियोजन की ओर से बहस करने वाले लोक अभियोजक हरेंद्र कुमार सिंह से मिली जानकारी के मुताबिक अदालत ने अभियुक्त चंद्रमा पांडेय को भादवि की धारा 302 के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा दी है। इसके अतिरिक्त अदालत ने आर्म्स एक्ट की धारा के अंतर्गत अभियुक्त को सात वर्ष सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा दी है। अर्थ दंड नहीं देने की स्थिति में अभियुक्त को अलग से छह माह कारावास की सजा भुगत नहीं पड़ेगी। बताया जाता है कि पचरुखी थाना अंतर्गत महुअल महाल निवासी चंद्रमा पांडेय ने अपनी भतीजी अंगिरा की शादी सारण के मांझी थाना अंतर्गत डुमरी गांव निवासी अजीत पांडेय के साथ की थी। अजीत पांडेय चंद्रमा पांडेय का भांजा था तथा उसका चंद्रमा पांडेय के घर आना-जाना बराबर हुआ करता था।
अजीत पांडेय खाड़ी देश में रहकर नौकरी करता था तथा अपनी गाढ़ी कमाई भी चंद्रमा पांडेय को ही भेजता था। इस बीच अजीत पांडेय अपनी नवविवाहित अंगिरा को लेने के लिए चंद्रमा पांडेय के घर पहुंचा और चंद्रमा पांडेय से विदाई को लेकर विवाद हो गया। अजीत पांडेय पुनः 29 जनवरी 2021 को पत्नी को बोलेरो से लेकर अपने घर जाने लगा। बोलेरो चंद्रमा पांडेय की थी और वह भी विदाई में साथ था। चंद्रमा पांडेय डुमरी गांव की तरफ सिसवन घाट के रास्ते से लेकर अपने भांजे को विवाहिता के साथ ले जाने लगा। रास्ते में बिना वजह विवाद हुआ और सुनसान स्थान पाकर चंद्रमा पांडेय ने अपने सुनियोजित योजना के तहत भांजे अजीत पांडेय की गोली मार कर हत्या कर दी। अजीत पांडेय की पत्नी अंगिरा के बयान पर चंद्रमा पांडे के विरुद्ध प्राथमिकी की गई थी। घटना के दिन गिरफ्तार होने के बाद से ही अभियुक्त अब तक जेल में बंद था। सुनवाई के पश्चात अदालत ने अभियुक्त को दोषी पाकर उपरोक्त सजा दी है। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अरुण कुमार सिन्हा एवं सुजीत यादव ने बहस किया।