परवेज अख्तर/सिवान: स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक सह वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डा. अशोक कुमार जिले में जापानी इंसेफेलाइटिस बीमारी के आउट ब्रेक की सूचना पर सोमवार को सदर अस्पताल पहुंचे। सिविल सर्जन डा. अनिल कुमार भट्ट, जिला मलेरिया पदाधिकारी डा. एम आर रंजन एवं जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. अमित चंद्र मिश्रा के साथ बैठक कर जापानी इंसेफेलाइटिस बीमारी के रोकथाम के संबंध में विचार विमर्श किया। अपर निदेशक के साथ जिला मलेरिया पदाधिकारी डा. एम आर रंजन एवं जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. अमित चंद्र मिश्रा पचरुखी प्रखंड के महुआरी गांव पहुंचे। जहां इसी माह में साढ़े तीन साल की बच्ची शान्या खातून की मौत जापानी इंसेफेलाइटिस से 10 अक्टूबर को हो गई है।
अपर निदेशक डा. अशोक कुमार ने बच्ची के पिता साजिद अली से बच्ची के बीमारी के संबंध में विस्तृत पूछताछ किया। बच्ची के पिता द्वारा बताया गया कि उन्होंने दो-तीन दिनों तक स्थानीय स्तर पर इलाज करवाया। अंत में सदर अस्पताल द्वारा रेफर किए जाने के बाद उन्होंने अपनी बच्ची को पीएमसीएच पटना में भर्ती कराया। इलाज के दौरान बच्ची की मौत पीएमसीएच में ही हो गई। निदेशक ने गांव में घूम-घूम कर बच्चों की माताओं से नियमित टीकाकरण कार्ड मांग कर जांच किया कि बच्चों को जेई के टीके लगे हैं या नहीं। जांच के दौरान उन्होंने शत प्रतिशत पाया कि आसपास के सभी बच्चों को जेई के टीके लगे हैं। इसके बाद वे दरौली प्रखंड के टिकुलिया गांव के जापानी इंसेफेलाइटिस से संक्रमित बच्चों के परिवार से भी मिले तथा गांव का निरीक्षण किया।