पटना में आज तय होगा चिराग पासवान का भविष्‍य, राम विलास के बहाने दिखेगी ताकत और कमजोरी

0

पटना: बिहार की राजनीति में चिराग पासवान अभी अपने पत्‍ते पूरी तरह खोलने के लिए तैयार नहीं हैं। हाल के दिनों में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू से उनकी बढ़ती दूरी के साथ तेजस्‍वी यादव और लालू प्रसाद यादव से बढ़ती नजदीकियां तो सभी देख रहे हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी को लेकर उनकी रणनीति अभी बहुत स्‍पष्‍ट नहीं है। चिराग पासवान अभी राष्‍ट्रीय जनता दल और बीजेपी, दोनों से बराबर दूरी बनाकर रखने का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनके पिता राम विलास पासवान की बरसी के बहाने भविष्‍य के लिए उनकी रणनीति और रास्‍तों का काफी अंदाजा हो जाने की उम्‍मीद है।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

नरेंद्र मोदी से सोनिया गांधी तक बुलाने का किया था दावा

चिराग पासवान का कहना है कि उनके पिता का सभी राजनीतिक दलों और राजनेताओं से मधुर संबंध था। इसलिए बरसी के मौके पर उन्‍होंने सभी दलों के राजनेताओं को आमंत्रित किया है। उन्‍होंने कहा कि यह गैर राजनीतिक कार्यक्रम है, इसलिए राम विलास के साथ काम करने वाले सभी नेताओं को इस आयोजन में आना चाहिए। उन्‍होंने बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश को भी इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया है। लोजपा की ओर से बताया गया था कि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को भी बुलाया गया है।

कौन आता है और कौन नहीं, इस पर रहेगा सभी का ध्‍यान

इस कार्यक्रम का न्‍योता देने के लिए चिराग ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन उन्‍हें वक्‍त नहीं मिल सका। जदयू के नेता चिराग पासवान पर लगातार हमलावर रहे हैं, वहीं चिराग भी लगातार मुख्‍यमंत्री की आलोचना करते रहे हैं। ऐसे में मुख्‍यमंत्री इस आयोजन में जाते हैं या नहीं, इस पर सभी नजर रहेगी। इस कार्यक्रम के लिए लालू यादव, तेजस्‍वी यादव और जीतन राम मांझी जैसे नेताओं को भी चिराग ने व्‍यक्तिगत रूप से मिलकर बुलावा दिया है। इन नेताओं के आगमन पर भी सबकी नजरें रहेंगी।

बीजेपी के चेहरों को तलाशेंगी निगाहें

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया के आने की कोई सूचना तो नहीं है, लेकिन लोगों की निगाहें इस बात पर जरूर रहेंगी कि इन दोनों पार्टियों के कौन से नेता कार्यक्रम में शामिल होते हैं। जदयू से किसी बड़े नेता के इस कार्यक्रम में शामिल होने की उम्‍मीद नहीं दिखती है, वहीं राजद की ओर से इसकी प्रबल संभावना है। स्‍वभाविक है कि जो दल और नेता इस कार्यक्रम में आगे दिखेंगे, उनके साथ चिराग का राजनीतिक भविष्‍य तय हो सकता है।