पूर्व सैनिकों ने भेजा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को ज्ञापन

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डीएम के माध्यम से अपनी आवाज पहुंचाने की अपील

✍️परवेज़ अख्तर/सिवान: एक दर्जन पुरानी मांगों को लेकर पूर्व सैनिकों ने जिलाधिकारी सीवान के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में कहा गया है कि केंद्र सरकार के अन्यायों के खिलाफ पूर्व सैनिक फरवरी से जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं. पूर्व सैनिकों की मांगों में निम्न प्रमुख तथ्य शामिल हैं. ओरओपी- केंद्र सरकार ने 2022 में वन रैंक वन पैंशन देने की बात कही थी इसमें बताया गया कि 01-07-2014 के बाद प्री मैच्योर सेवा निवृत्त हुए जवानों को एक रैंक एक पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा.

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यह अन्याय है इसका लाभ उन्हें दिया जाए. नायक, हवलदार, नायब सूबेदार, मेजर, लेफ्टिनेंट व कैप्टन के पेंशन में एक पैसे की बढ़ोतरी नहीं हुई है. विधवा पेंशन- देश की सेवा में शहीद हुए जवानों की वीर नारियों को दी जाने वाली पेंशन सम्मानजनक नहीं है इसे बढ़ाया जाए. एमएसपी- इस योजना का लाभ इसी सरकार ने दिया है लेकिन इसमें खामियां हैं और इसमें सुधार किया जाए. विकलांगता पेंशन—विकलांगता पेंशन में अधिकारी एवं जवानों क पेंशन वृद्धि का अनुपात में बहुत बड़ा अंतर है, इसे बराबर किया जाए.

रिजर्व पेंशनर- 1962, 65 एवं 1971 की लड़ाई लड़ने वाले जवानों को लड़ाई के 10 वर्ष बाद ही सेवानिवृत्त कर दिया गया था. देश के लिए लड़ने वाले वीर जवानों को 15 साल की सेवा पेंशन का लाभ मिलना चाहिए लेकिन उन्हें फिक्स नौ हजार रुपये प्रदान किए जाते हैं. रिजर्व पेंशनर को रेगुलर पेंशन देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट दे चुका है. इसमें भी नौ सेना को इसका लाभ दे दिया गया लेकिन थल सेना को नहीं दिया गया है, थल सेना को भी दी जानी चाहिए.

सातवें वेतन आयोग लागू करने में विसंगति—सेना के ऐसे दंड हैँ जिन्हें सातवें वेतन आयोग के बाद 6200 रुपये एक्स ग्रुप का वेतन दिया जा रहा है वहीं 2016 से पहले सेवानिवृत्त हुए जवानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, इसे समाप्त किया जाए. अगर सरकार हमारी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार नहीं करती है तो पूर्व सैनिक अनिश्चितकालीन संसद घेराव कार्यक्रम चलाएंगे.