गोपालगंज:- बाढ़ प्रभावित इलाकों में दीपावली की धूम पर मायूसी का पहरा

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गोपालगंज: जुलाई तथा इसके बाद सितंबर महीने में सारण तटबंध टूटने से आई गंडक नदी के बाढ़ में हुई बर्बादी से बाढ़ प्रभावित गांवों के ग्रामीण अभी तक उबर नहीं पाए हैं। विनाशकारी बाढ़ ने लोगों की हंसी-खुशी छीन ली है। दो बार आए बाढ़ में अपना सबकुछ बर्बाद कर चुके परिवारों की खुशियां लौटने का नाम नहीं ले रही हैं। बाढ़ पीड़ितों के बीच सरकारी स्तर पर मिलने वाली सहायता राशि से अभी भी कई परिवार वंचित हैं। जिन्हें अब तक सहायता राशि नहीं मिल सकी है, उन परिवारों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। सामने दीपावली का पर्व रहा है। दीपावली को लेकर बाजारों में चहल पहल बढ़ गई है। लोग दीपावली को लेकर सामान की खरीदारी कर रहे हैं। लेकिन बाढ़ प्रभावित गांवों में अभी दीपावली की धूम पर भी मायूसी का पहरा है। बाढ़ पीड़ितों की त्योहार की खुशियां सहायता राशि पर टिकी हुई है।

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दीपावली से पूर्व अगर सहायता राशि से वंचित बाढ़ पीड़ितों के खाते में राशि स्थानांतरित नहीं की गई तो उनके पर्व त्योहार की खुशियां फीकी पड़ जाएंगी।23 जुलाई को सारण तटबंध टूटने से मांझा, बरौली, सिधवलिया तथा बैकुंठपुर प्रखंड गंडक नदी की विनाशकारी बाढ़ की चपेट में आ गया था। बाढ़ का सबसे अधिक प्रकोप बैकुंठपुर प्रखंड में रहा। पूरा प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गया था। ग्रामीण अपना घर छोड़ कर डेढ़ महीने तक तटबंध व सड़कों के किनारे शरण लिए रहे। बाढ़ का पानी उतरने पर ग्रामीण अपने घरों को लौट आए। बाढ़ प्रभावित गांवों में जिदगी पटरी पर लौटने लगी। लेकिन, इसी बीच 25 सितंबर को सारण तटबंध फिर टूटने से पूरा इलाका फिर बाढ़ की चपेट में आ गया। हालांकि, अब बाढ़ का पानी उतर गया है। लेकिन, बाढ़ प्रभावित गांवों में अब भी हर तरफ बाढ़ से हुई बर्बादी दिख रही है। जिनका पक्का मकान था, बाढ़ में मकान ध्वस्त हो जाने से वे लोग झोपड़ी में आ गए हैं।

झोपड़ी में रह जैसे तैसे करकट का छप्पर डाल जीवन गुजार रहे हैं। बाढ़ पीड़ित बताते हैं कि सरकार से मिलने वाली सहायता राशि अभी तक कई परिवारों को नहीं मिल सकी है। फसलों तथा घर को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति राशि का भी बाढ़ पीड़ित इंतजार कर रहे हैं। अब दीपावली सामने है। दीपावली को लेकर जिले के बाजारों में चहल पहल बढ़ गई है। लेकिन, इस त्योहारी सीजन में बाढ़ प्रभावित गांवों में मायूसी है। इस संबंध में पूछे जाने पर अचंल अधिकारी, बैकुंठपुर राकेश दुबे ने बताया कि सहायता राशि के लिए कुल 40 हजार लोगों की इंट्री बाढ़ पीड़ित परिवार सूची में की गई है। 36 हजार बाढ़ पीड़ित परिवारों के खाते में सहायता राशि स्थानांतरित की जा चुकी है। वंचित चार हजार पीड़ित परिवारों के बीच सहायता राशि अविलंब भुगतान करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाढ़ ग्रस्त इलाके के दो हजार और लोगों का नाम सहायता राशि भुगतान करने के लिए लिस्ट में शामिल करने के लिए वरीय अधिकारियों से बातचीत की जा रही है।