गोरेयाकोठी: पाक रमजान माह में ही कुरान शरीफ हुआ नाजिल : आलिम रजा बरकाती

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आग से बचाने और अपनी रहमतें बरसाने के लिए अल्लाह ने बनाया रमजान का महीना

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परवेज अख्तर/सिवान: जिले के गोरेयाकोठी प्रखंड के लद्धी दक्षिण टोला स्थित मस्जिद के खतीबों इमाम मौलाना आलिम रजा बरकाती ने रमजानुल मुबारक पर फजीलत बयान करते हुए कहा कि रमजान के महीने में ही कुरान शरीफ नाजिल हुआ। कुरान शरीफ इस्लाम की सर्वोच्च किताब है, जिसमें अल्लाह के संदेशों का संकलन है। मसलकों, फिरकों और दूसरी तरह के मतभेदों के बावजूद तमाम मुसलमानों का यह अकीदा है कि कुरान शरीफ एक आसमानी और अल्लाह के द्वारा भेजी गई अंतिम किताब है। इसे अल्लाह ने अपने फरिश्ते (देवदूत) जिब्राइल के जरिए पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब तक पहुंचाया।

मुसलमानों का अकीदा है कि कुरान शरीफ में ना तो अतिरिक्त एक शब्द जोड़ा जा सकता है और ना ही हटाया जा सकता है। रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं। अल्लाह रोजेदार और इबादत करने वाले की दुआ कबूल करता है और इस पवित्र महीने में गुनाहों से बख्शीश मिलती है। उन्होंने का की अल्लाह ताला को तीन चीज़े सबसे ज्यादा पसंद है। जवानी की नमाज, सख्त गर्मी के रोजे और सर्दी का वजू। यह महीना तो अल्लाह ने हमें आग से बचाने और अपनी रहमतें अपने बंदों पर बरसाने के लिए बनाया है।