चमकी बुखार से पीड़ित मरीजों को 24×7 मिलेगी स्वास्थ्य सेवाएं, दर्पण प्लस एप से होगी चिकित्सकों की निगरानी

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• मोबाइल ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य

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• चमकी बुखार से बचाव के लिए जिले में चल रहा है अभियान

सिवान: स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चमकी बुखार से पीड़ित मरीजों को बेहतर तथा 24×7 स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। चमकी बुखार से पीड़ित मरीजों की चिकित्सकीय सुविधा को सुदृढ़ करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निर्देश जारी किया गया है। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। जारी पत्र के माध्यम से कहा गया है कि एईएस प्रभावित जिले में 24×7 चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है। ताकि एईएस से ग्रसित मरीजों को समय स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराकर स्वस्थ किया जा सके। जारी पत्र में कहा गया है कि जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 24×7 संचालन का अनुश्रवण किया जाना है। तभी संभव हो पायेगा ज़ब डॉक्टर स्वास्थ्य केंद्रों में उपस्थित होकर प्रातः 5 से 6 बजे के बीच मोबाइल एप के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराना सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए दर्पण प्लस एप बनाया गया है। इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।

स्वास्थ्य विभाग चमकी बुखर की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार :

बच्चों को रात में भूखे पेट नहीं सुलाएं । तेज धूप में बच्चों को नहीं जाने दें । जगह-जगह पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा। किसी तरह की कोई परेशानी होने पर तुरंत स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाएं, जहां बच्चे की समुचित इलाज की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग एईएस और चमकी बुखर की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में इसके लिए अलग से वार्ड बनाया गया है। इलाज के लिए उपकरण और दवा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायी जा रही है।

चमकी से बचाव के लिए तीन धमकियां याद रखें:

डीएमओ डॉ. एमआर रंजन ने कहा कि गंभीर बीमारी चमकी से पीड़ित बच्चों को समय पर इलाज किया जाये तो वह पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष थीम दिया गया है चमकी को धमकी। इसमें तीन धमकियों को याद रखने की जरूरत है, जिसमें पहला यह है कि बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलायें। इसके बाद सुबह उठते ही बच्चों को भी जगायें और देखें कि बच्चा कहीं बेहोश या उसे चमकी तो नहीं हुई है। अंत में बेहोशी या चमकी दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या गाड़ी से नजदीकी अस्पताल ले जायें। चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों को अस्पताल पहुंचाने के लिए मुफ्त में एंबुलेंस सेवा दी जाती है। इसके लिए पीड़ित को 102 नंबर पर डायल कर एंबुलेंस बुलाना है।

इन बातों का रखें ध्यान:

अपने-अपने बच्चों को रात में बिना खाना खिलाएं नहीं सोने दें।अगर कोई बच्चा शाम के समय में खाना खाकर सो गया है तो उसे भी रात में जगाकर अवश्य खाना खिलाएं। बच्चों को रात में सोते समय अनिवार्य रूप से मीठा सामग्री यथा-गुड़, चीनी आदि खिलाएं। चमकी बुखार अधिकांशतः रात के 02 बजे से 04 बजे के बीच आक्रामक रूप लेता है। अगर चमकी के साथ तेज बुखार हो तो तुरंत क्षेत्र की एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को सूचित करें। नजदीकी पीएचसी में ले जाकर समुचित उपचार कराएं।