पटना हाईकोर्ट : अगर ऑक्सीजन है तो फिर ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत कैसे हो रही है?

0

पटना: पीएमसीएच, आईजीआईएमएस और मेदांता अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए करीब एक हज़ार से ज्यादा बेड खाली पड़े हुए हैं। हाइकोर्ट के निर्देश पर गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह बात बताई है। बुधवार को हाइकोर्ट में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑक्सीजन की अनियमित आपूर्ति के कारण अस्पताल प्रशासन मरीजों को भर्ती नहीं कर पा रहा है। डॉ. उमेश भदानी, डॉ. रवि कृति और डॉ. रवि शंकर सिंह की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

पीएमसीएच में 1750 बेड की सुविधा है किंतु उसमें केवल 770 बेड ही कोविड मरीज़ों को मयस्सर है। आईजीआईएमएस में 1070 बेड की क्षमता के विपरीत महज 250 बेड पर ही कोविड मरीजों के लिए है। वहीं, 500 बेड वाला मेदांता आज तक शुरू नहीं हो पाया है। समिति की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए हाइकोर्ट ने नाराजगी जताई। साथ ही कहा कि इन सभी अस्पतालों को 24 घंटे निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति करने की कार्ययोजना पेश करें। न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह एवं न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खण्डपीठ ने शिवानी कौशिक और गौरव कुमार सिंह की ओर से दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई की।

194 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का करें उठाव

बुधवार को सुनवाई ऑक्सीजन की आपूर्ति पर केंद्रित रही। सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि बड़े दुख की बात है कि केंद्र सरकार की ओर से तय 194 मीट्रिक टन ऑक्सीजन में से राज्य सरकार केवल 90 मीट्रिक टन ही ऑक्सीजन का उठाव कर पा रही है। फिर भी सरकार कह रही है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। अगर ऑक्सीजन है तो फिर ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत कैसे हो रही है? कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से तय 194 मेट्रिक टन ऑक्सीजन का उठाव हर हाल में राज्य सरकार करे।

आईजीआईएमएस में भी कमी

सुनवाई के दौरान आईजीआईएमएस के निदेशक ने बताया कि उनके यहां भी ऑक्सीजन की कमी हो रही है। कोर्ट ने पूछा कि आईजीआईएमएस को कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाया जाएगा। इस बात पर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मुख्यमंत्री ने आईजीआईएमएस को कोविड डेडिकेटेड बनाने की घोषणा की है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मेदांता अस्पताल में कम से कम 50 बेड कोरोना मरीजों के इलाज के लिए शुरू किया जाय।

होम आइसोलशन वालों को भी मिले ऑक्सीजन

कोर्ट ने राज्य सरकार की कार्रवाई पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप अस्पतालों में बेडों की संख्या घटा दीजिए। यह समस्या का समाधान नहीं ही। कोर्ट ने कहा कि होम आइसोलशन में रह रहे लोगों को ऑक्सीजन कैसे सप्लाई की जाए, इस बारे में कोई कार्ययोजना नहीं है। होम आइसोलशन में रह रहे लोगों को भी ऑक्सीजन सुनिश्चित किया जाय।

डॉक्टर को हड़ताल पर नहीं जाने दें

बुधवार को एनएमसीएच में डॉक्टर व अन्य मेडिकल कर्मियों के साथ मरीजों के परिजनों द्वारा मारपीट करने और फिर से जूनियर डॉक्टर के हड़ताल पर जाने की खबर जैसे ही खण्डपीठ को मिली वैसे ही कोर्ट ने कहा कि कैसे भी हो डॉक्टरों को हड़ताल पर जाने से रोकें। कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार से कहा कि वे खुद प्रधान सचिव व अन्य अधिकारियों से बात कर हड़ताल खत्म करवाने की कोशिश करें। बाद में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जूनियर डॉक्टरों की तरफ से हड़ताल टालने की बात हो गयी है। सरकार ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दिलासा दिया है।